कहा- 10 से 15 सीटों पर बंटे गलत टिकट
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार झेल चुकी कांग्रेस ने गत दिवस दिल्ली में हार के कारणों पर मंथन किया। यह मंथन पहली बार नहीं किया गया। इससे पहले दो बार भी कांग्रेस हार दके कारणों पर मंथन कर चुकी है। लेकिन इस बार हुई बैठक में खुलकर नेताओं ने अपनी गलती स्वीकार की है। केवल ईवीएम को दोष देने वाले कांग्रेस के नेताओं के लिए यह एक बड़ी सीख है।
बैठक के बाद कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने कबूल किया कि टिकट वितरण में गलती हुई है। उन्होंने 10 से 15 सीटों पर गलत कैंडिडेट उतारने की बात को स्वीकार किया। इसके बाद बाबरिया ने यहां तक कहा कि अगर सब मेरा दोष मान रहे हैं तो मैं अपनी जिम्मेदारी छोड़ने को तैयार हूं। मैंने तो अपना इस्तीफा भी भेज दिया था। हालांकि बाबरिया ने यह भी दावा किया कि काउंटिंग के दिन मुझे सुबह ही मैसेज आए थे कि कुछ सीटों पर धांधली हो रही है।
वो मैसेज मैंने प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को भेज दिए थे। हार के कारण जानने के लिए बनाई गई कमेटी के चेयरमैन करण सिंह दलाल ने कहा कि मीटिंग में हमारे हाथ कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज लगे हैं। अब हमें यकीन है कि हम जो कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, उसमें जीत हमारी होगी। उन्होंने दावा किया कि ये सरकार 2025 का साल पार नहीं कर पाएगी। 2025 में फिर से कांग्रेस की सरकार आएगी।
हार की प्रमुख वजह
शक्ति सिंह गोहिल के गुजरात जाने के बाद दीपक बाबरिया को हरियाणा कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया। प्रभारी बनाए जाने के बाद न तो बाबरिया संगठन तैयार कर पाए और न ही गुटबाजी को रोक पाए। दूसरा विधानसभा चुनाव में अजय माकन हरियाणा चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख थे। टिकट वितरण का काम स्क्रीनिंग कमेटी के पास ही रहता है। टिकट वितरण में केवल हुड्डा गुट को ही अहमियत दी गई।
89 में से 72 टिकट तो हुड्डा समर्थकों को दिए गए। तीसरा सुनील कानुगोलू हरियाणा में कांग्रेस की राजनीति देख रहे थे। कहा जाता है हरियाणा मांगे हिसाब का रोड मैप भी सुनील की टीम ने ही तैयार किया था। कानुगोलू के सर्वे को आधार बनाकर ही हुड्डा कैंप ने कई बड़े फैसले हाईकमान से करवाए, लेकिन कानुगोलू इखढ की रणनीति को समझने में फेल रहे।
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