Hisar News (आज समाज) हिसार: 28 जून को दस्तक के बाद दो जुलाई को पूरे प्रदेश में मानसून छा गया था, लेकिन ज्यादातर जिलों में झमाझम वर्षा नहीं हुई। वहीं, एक जून से लेकर 14 जुलाई तक की बात करें तो प्रदेश में अब तक 32 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। 117.7 मिलीमीटर के मुकाबले अभी तक सिर्फ 79.5 एमएम वर्षा हो पाई है। पांच जिलों को छोड़कर 17 जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई। करनाल में सामान्य से 84 प्रतिशत कम और नूंह में सामान्य से 61 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। मानसून की बेरुखी से तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है। उमस से लोग बेहाल हैं। बिजली की मांग बढ़ने के कारण लगातार कट भी लग रहे हैं। पर्याप्त बिजली न मिलने के कारण ट्यूबवेल भी नहीं चल पा रहे। इससे खेतों में धान की फसल सूखने लगी है। किसानों को नुकसान होने का डर सताने लगा है। राहत की बात यह है कि मौसम विज्ञानियों ने आने वाले दिनों में मानसून के सक्रिय होने की संभावना व्यक्त की गई है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभााध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में आमतौर पर 19 जुलाई तक परिवर्तनशील रहेगा। 17 जुलाई को मानसूनी हवाओं की सक्रियता में थोड़ी कमी आने की संभावना से वर्षा की गतिविधियां भी कम हो सकती हैं। 17 जुलाई रात्रि से मानसून की सक्रियता फिर से बढ़ सकती है।