हिमाचल विधानसभा में विपक्ष का भारी हंगामा, वाकआउट

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सदन की कार्यवाही से जगत सिंह नेगी का भाषण हटाने पर हुई तकरार
लोकिन्दर बेक्टा, शिमला:
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस ने बुधवार को एक बार फिर भारी हंगामा किया और बाद में सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्ष ने यह हंगामा बीते रोज कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी द्वारा नियम 130 के तहत प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर हुई चर्चा के दौरान दिए भाषण को सदन की कार्यवाही से हटाने के विरोध में किया। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच व्यक्तिगत तौर पर भारी नारेबाजी और शोर-शराबा हुआ तथा विपक्ष ने पहले विधानसभा अध्यक्ष के आसन के पास और फिर सदन के बीचोंबीच जाकर नारेबाजी कर हंगामा किया। बाद में पूरा विपक्ष सदन से नारे लगाते हुए बाहर चला गया।
बता दें कि बुधवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने जगत सिंह नेगी के भाषण को सदन की कार्यवाही से हटाने का मामला उठाना चाहा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। इस पर तुरंत ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और सभी सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। विपक्ष के हंगामे को विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने शांत करने का प्रयास किया, लेकिन इसी दौरान सत्तापक्ष की ओर से भी नारेबाजी शुरू हो गई।
भारी शोरगुल के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को अपनी बात रखने को कहा, लेकिन विपक्ष ने इसे भी अनसुना कर दिया और नारेबाजी करते हुए पहले विधानसभा अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गया तथा बाद में सदन के बीचोंबीच जाकर नारेबाजी और हंगामा किया। विपक्ष द्वारा हंगामा करते रहने के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने शोरगुल के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कर दिया। इस दौरान भी विपक्ष सदन के बीचोंबीच जोरशोर से नारेबाजी करता रहा और कुछ देर बाद वाकआउट कर सदन से बाहर चला गया।
जयराम ठाकुर की विपक्ष को दो-दो हाथ करने की चुनौती
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच हुए हंगामे के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आक्रामक तेवर अपनाने के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के हंगामे और वाकआउट पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यदि विपक्ष के नेता मैदान में आने जाने की बात कह रहे हैं तो वह भी देखा जाएगा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष ने आज सारी सीमाएं लांघ दीं और नेता प्रतिपक्ष धमकी देने पर उतर आए। उन्होंने कहा कि पहले भी हमने सदन में विपक्ष का सबसे गैर जिम्मेदाराना व्यवहार देखा, जब विपक्ष ने एक ही दिन में तीन बार वाकआउट कर दिया। उन्होंने कहा कि सदन के भीतर आना और फिर उठकर बाहर चले जाना विपक्ष की आदत बन गई है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से कांग्रेस के बहुत बड़े नेता नहीं बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में परिस्थितियां बहुत बदल चुकी हैं, क्योंकि वहां समझाने और नेतृत्व करने वाला कोई नहीं रह गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने सदन का तमाशा बना रखा है, जो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस व्यवहार से सदन की परंपराओं को ठेस पहुंच रही है, जिसकी कतई इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सदन में कांग्रेस का व्यवहार घोर निंदनीय है और उम्मीद है कि कांग्रेस का वरिष्ठ नेतृत्व अपने विधायकों को अकल देगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने की सहयोग की अपील
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विपक्ष के हंगामे के बाद कहा कि उन्हें जिस सहयोग की विपक्ष से उम्मीद है, वह नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि इस सदन की उच्च परंपराएं रही हैं, इसलिए जो व्यक्ति या संस्था सदन में मौजूद नहीं है, उसके बारे में सदस्य कोई बात न कहे। उन्होंने कहा कि अभद्र टिप्पणियां सही नहीं हंै। विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों पक्षों से सदन को चलाने में सहयोग की अपील की।
मिल बैठकर बात करे विपक्ष
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विपक्ष के हंगामे के बाद कहा कि यदि विपक्ष को सदन की कार्यवाही पर कोई बात करनी है तो वह विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में आकर बात कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही को लेकर नियमों के तहत सदन में बात नहीं हो सकती। भारद्वाज ने यह भी कहा कि विपक्ष का आज का व्यवहार निंदनीय है और इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने इसके लिए सदन के नेता से प्रस्ताव लाने की भी अपील की।