Punjab-Haryana High Court News: स्वयं वसूली नहीं कर सकते हरेरा अधिकारी, केवल जांच और मुआवजा राशि तय करने का अधिकार: हाईकोर्ट

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Punjab-Haryana High Court News: स्वयं वसूली नहीं कर सकते हरेरा अधिकारी, केवल जांच और मुआवजा राशि तय करने का अधिकार: हाईकोर्ट
Punjab-Haryana High Court News: स्वयं वसूली नहीं कर सकते हरेरा अधिकारी, केवल जांच और मुआवजा राशि तय करने का अधिकार: हाईकोर्ट

हरियाणा सरकार के बकाया वसूली के अधिकार को हाईकोर्ट ने किया रद्द
Punjab-Haryana High Court News (आज समाज) चंडीगढ़: सरकार द्वारा हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (हरेरा) के अधिकारियों को कलेक्टर की तरह पावर देते हुए बकाया वसूली के दिए गए अधिकार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के अधिकारी केवल जांच और मुआवजे की राशि तय कर सकते हैं, लेकिन वे स्वयं वसूली नहीं कर सकते। सरकार ने हरेगा के अधिकारियों को कलेक्टर की तरह पावर देते हुए बकाया वसूली के अधिकार दे दिए थे। न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर और न्यायमूर्ति एचएस ग्रेवाल की खंडपीठ ने सरकार की अधिसूचना रद्द कर दी है।

हाईकोर्ट ने कहा रियल एस्टेट अधिनियम में विभिन्न प्राधिकरणों की भूमिकाएं स्पष्ट रूप से परिभाषित हैं। हरेरा के अधिकारियों को वसूली का अधिकार देना इस कानूनी ढांचे का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के तहत इस कदम की अनुमति नहीं थी। यह पहले से बनी कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन करता है। मुआवजे, जुर्माने या ब्याज से संबंधित हरेरा अधिकारियों द्वारा पारित आदेश को हरियाणा भूमि राजस्व अधिनियम, 1887 के तहत सख्ती से लागू किया जाना चाहिए, उन्हें अदालती आदेशों की तरह नहीं माना जाना चाहिए।

सरकार को नए सिरे से वसूली प्रक्रिया करनी होगी तैयार

कोर्ट ने हरियाणा सरकार को भी नसीहत दी कि उसे नियमों में जरूरी संशोधन कर सही अधिकारियों की नियुक्ति करनी चाहिए। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब सरकार को नए सिरे से वसूली प्रक्रिया तैयार करनी होगी। राजस्व विभाग को विशेष अधिकारी नियुक्त करने होंगे। हरेरा को भी अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव करना होगा।

वाटिका लिमिटेड ने दी थी सरकार के फैसले को चुनौती

हरियाणा में उट नायब सैनी की ही अगुआई वाली सरकार की ओर से 11 मई, 2024 को अधिसूचना जारी की गई थी। इसमें हरेरा के अधिकारियों को ब्याज, जुर्माना और मुआवजा जैसी राशियों को सीधे वसूलने का अधिकार दिया था। नोटिफिकेशन के जारी होने के बाद वाटिका लिमिटेड ने इसे चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई की।

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