इंटरनेट के खतरों से कैसे बचाएं बच्चों को, जानें समाधान ?

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आज के माहौल में इंटरनेट संचार का साधन कम, मनोरंजन का साधन ज्यादा बनता जा रहा है।​ इसका सबसे बुरा असर बच्चों पर हो रहा है। इस दौर के माता—पिता के पास आर्थिक जिम्मेदारी से अलग एक नई जिम्मेदारी आन पड़ी है वह है अपने बच्चे को साइबर वर्ल्ड के खतरों से बचाने की। क्योंकि लगातार ऐसी कई घटनाएं सामने आ रही हैं जिसमें इंटरनेट की अंधेरी दुनिया में खोकर वें अपराधिक प्र​वृत्ति में न चाहते हुए भी शामिल हो जाते हैं। आज हम आपको बताएंगे की कैसे अपने बच्चों के मानसिक स्थिति में इंटरनेट के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने बच्चों से घुलना—मिलना होगा। साथ ही बच्चों के साइबर अनुभव को जानना होगा और उसे सकरात्मक बनाने की कोशिश करनी होगी।

आइए जानते हैं कैसे आप इंटरनेट के नकारात्क प्रभाव को कम कर सकते हैं…

बच्चे को कुछ बेसिक सलाह दें
बच्चों को बताएं कि वह किसी भी परिस्थिति में अपनी या फिर परिवारजन की जानकारी किसी अजनबी व्यक्ति से साझा न करे। साथ ही यह भी बताएं कि यदि उसे इंटरनेट पर कुछ भी असुविधाजनक या आपत्तिजनक लग रहा है तो वह जानकारी आपको तुरंत दे। अगर आप बच्चे को पहले ही इन सब चीजों से अवगत कराते रहेंगे तो बच्चे खुद भी सुरक्षात्मक कदम उठा सकेंगे।

कम्प्यूटर पर नियंत्रण रखें
आप यदि ऐसे सॉफ्टवेयर का खर्च वहन कर सकते हैं जिसकी मदद से कम्प्यूटर की कुछ साइट्स को ब्लॉक किया जा सके। इसका प्रयोग कर बच्चों इन निगेटिव साइट्स से दूर रखा जा सकता है। बच्चों के लिए कम्प्यूटर पर बिताने के समय को निर्धारित कर दें। और जरूरी हो सके तो बच्चे के इंस्टेंट मैसेंजर चैट को भी प्रोटेक्ट करके रखें। लेकिन इसका यह कतई मतलब न निकाले की आप उसकी आजादी को कम या क्षीन रहे हैं।

बच्चों की दुनियां का आप भी हिस्सा बनें
साइबर के खतरे से बच्चों को बचाने के लिए आपको सूचनाओं से लैस रहना होगा। आप इंटरनेट से संबंधित लेख पढ़ें, जरूरी हो तो क्लास में जाएं, दूसरे पेरेंटस से चर्चा करें। इसके लिए आपको महारथी बनने की जरूरत नहीं है बल्कि थोड़े ज्ञान से भी बच्चों की समस्याओं का निराकरण कर सकते है।

बच्चों के व्यवहार को समझे, संवाद करें
समान्यत: बच्चों का दिमाग नाजुक कली के समान होता है। उसे यह पता नहीं होता कि हम इंटरनेट पे क्या देख रहे हैं या फिर क्या देखना चाहिए। आपको उसके सा​थ इंटरनेट के खतरे और उसके फायदें के बारे में चर्चा करें। जानें की आपके बच्चे कि पसंदीदा वेबसाइट कौन सी है, वह कौन—कौन से आॅनलाइन गेम्स खेलता है और वह अपने दोस्तों से किस तरह ​की बाते करता है।

परिवार के साथ इंटरनेट का मजा लें
आप अपने और अपने बच्चे के साथ-साथ परिवार को भी इंटरनेट से फायदा उठाने के लिए प्रेरित करें। इससे आपके साथ-साथ आपका परिवार भी बच्चे की वर्चुअल दुनिया पर नजर रख सकेगा। अगर परिवार के ज्यादातर सदस्य सोशल मीडिया पर हैं तो बच्चों की थोड़ी-बहुत निगरानी तो आसानी से हो ही सकती है।

(फीचर लेखन-धीरज चतुर्वेदी)