How To Get Sleep In Less Time
आज समाज डिजिटल, अम्बाला :
How To Get Sleep In Less Time : शरीर को अगर स्वस्थ्य रखना है तो अच्छे खानपान के साथ अच्छी नींद भी जरूरी है। कई बार डाक्टर कहते हैं कि इंसान को कम से कम आठ घंटे की नींद लेनी चाहिए, लेकिन अगर आप सही तरीके से योग निद्रा की प्रैक्टिस करते हैं तो 7 से 8 घंटे की गहरी नींद 4 घंटे में भी पूरी कर सकते हैं। अब आप सोच रहें होंगे ये कैसे हो सकता है। तो आप एनएसडीआर क्रिया की मदद से आठ घंटे की नींद चार घंटे में पूरी कर सकते हैं। अब सवाल उठता है कि एनएसडीआर है क्या। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
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क्या है एनएसडीआर?
- स्टैनफोर्ड स्कूल आफ मेडिसिन के डॉक्टर एंड्रयू ह्यूबरमैन ने दुनिया को नॉन स्लिप डीप रेस्ट (एनएसडीआर) शब्द से परिचित करवाया। (Non-sleep deep rest (NSDR) ) इस क्रिया में इंसान को आंखें बंद करके 20-30 मिनट लेटना होता है और वापस उठने के बाद इतना रिलैक्स महसूस करता है जैसे कि 7-8 घंटे की गहरी नींद से उठे हों।
- ह्यूबरमैन का कहना है कि वे स्वयं 10 सालों से एनएसडीआर की प्रैक्टिस कर रहे हैं और वे इसे अपनी नींद पूरी करने और फोकस्ड रहने का बेस्ट टूल मानते हैं। आपको बता दें कि एनएसडीआर शब्द दुनिया के लिए चाहे नया हो, पर यह प्रक्रिया हमारे देश के लिए हजारों साल पुरानी है। इसकी बात हमारे धर्मग्रंथों में भी की गई है। वहीं, पतंजलि के योग सूत्र में भी इसका जिक्र है।
एनएसडीआर के पीछे योग निद्रा का साइंस क्या है?
- दिमाग में मौजूद न्यूरोन विभिन्न तरंगें उत्पन्न करते हैं। इनमें से अल्फा तरंगें हमें खुश रखने का काम करती है। जिस दिन हम तनाव में होते हैं उस दिन दिमाग में अल्फा तरंगों की एक्टिविटी कम हो जाती है। योग निद्रा और मेडिटेशन से दिमाग में अल्फा वेव की एक्टिविटी बढ़ जाती है। हम खुशी महसूस करते हैं।
- बताया जाता है कि एनएसडीआर के पीछे भी यही योग निद्रा वाला साइंस है। जैसे-जैसे दिमाग आराम की अवस्था में जाने लगता है वैसे-वैसे आपके हृदय की गति धीमी होती चली जाती है। दिमाग बीटा तरंगों से अल्फा तरंगों की ओर स्विच कर जाता है। बीटा तरंगें एक्टिव दिमाग से जुड़ी होती हैं जबकि शांत अवस्था में अल्फा तरंगें अधिक एक्टिव रहती हैं। इसके बाद आप रिलैक्स हो जाते हैं।
- योग निद्रा बेहतर रूप से सोने में भी सहायक है। कई अध्ययन बताते हैं कि जो लोग नियमित रूप से योग व ध्यान करते हैं उनकी नींद अन्य लोगों से कहीं ज्यादा बेहतर और गहरी होती है।
कैसे करें एनएसडीआर प्रक्रिया? ( Complete 8 Hours Of Sleep In 4 Hours)
- सबसे पहले आप शांत और कम रोशनी वाली जगह पर पीठ के बल लेट जाएं। शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें। हथेलियां खोलकर आसमान की तरफ रखें।
- फिर गहरी सांस लें, फिर सामान्य सांस लेते हुए ध्यान दाहिने पैर के पंजे पर ध्यान लगाएं। इस दौरान मन में बेतरतीब ख्याल न लाने की कोशिश करें।
- आप अपना ध्यान पंजे से घुटने, फिर जांघ पर लाएं। इस प्रक्रिया को बाएं पैर के साथ दोहराएं। ऐसे करते-करते गले, छाती आदि पर ध्यान लगाएं।
- फिर से गहरी सांस लें और कुछ देर इसी स्थिति में लेटे रहें। अब ध्यान आसपास के माहौल पर ले जाएं। दाहिनी करवट लेकर बाएं नाक से सांस छोड़ें। ऐसा करने से शारीरिक तापमान गिरेगा।
- थोड़ी देर बाद धीरे से उठकर बैठ जाएं। धीरे-धीरे ही अपनी आंखें खोलें।
बीमार होने का कारण क्या?
- रिसर्च बताती है कि हमारे बीमार होने के 75 प्रतिशत कारण तनाव रिलेटेड होते हैं। लंबे समय तक तनाव में रहने से शरीर की इंफलेमेटरी प्रोसेस प्रभावित होती है। जिससे अल्जाइमर, एलर्जी, आर्थराइटिस और पेट से रिलेटेड बीमारी होती हैं।
- योगनिद्रा हमारे तनाव के चक्र को तोड़कर तनाव मुक्त होने और स्वस्थ रहने में मदद करती है। दिमाग के शांत होने पर शरीर में शुगर लेवल नियंत्रित रहता है जिससे डायबिटीज में राहत मिलती है।
क्या योगनिद्रा शरीर के लिए लाभदायक है?
आपको बता दें कि जिन्हें नींद कम आने या नहीं आने की परेशानी हैं, उन्हें बेहतर नींद पाने में मदद करेगा। मन को शांत करता है। एकाग्रता की क्षमता बढ़ती है। दिमागी थकान दूर होती है। शरीर के दर्द से छुटकारा दिलाता है। थकान और निगेटिव सोच को दूर करता है। तनाव, चिंता और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करती हैं और शरीर को रिलैक्स करता है योगनिद्रा।
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