बुरी आदतों से छुटकारा कैसे पायें

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shri shri ravishnkar
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श्री श्री रविशंकर
प्रश्न: ‘अपने जीवन में तुम जिस भी चीज के खिलाफ हो जाते हो, उस से छुटकारा नहीं पा सकते, ‘इस ज्ञानोक्ति को मैं समझ नहीं पा रहा हूं। क्या सिगरेट पीने की इच्छा हो तो उसे पूरा करना ठीक होगा, या फिर किसी बीमार व्यक्ति की बहुत अधिक कॉफी पीने की इच्छा हो तो उसे पूरा करना चाहिये? 
श्री श्री रवि शंकर: तुम्हारा मतलब है कि अगर तुम अपने जीवन में सिगरेट छोड़ना चाहते हो, सिगरेट के खिलाफ हो, तब भी सिगरेट पीने की इच्छा रहती है। इस से बाहर कैसे निकले, यह पूछ रहे हो? जब तुम यह अनुभव करते हो कि सिगरेट ना पीने में जो सुख है, वह सिगरेट पीने के सुख से अधिक है, तब यह स्वाभाविक रूप से छूट जाती है! मन हमेशा वहीं जाता है जहां उसे कुछ सुख की आशा होती है। सुख की आशा में मन वहां भी चला जाता है जहां सुख है ही नहीं! तो, मन आदतों का गुलाम हो जाता है, और इन आदतों से कोई सुख नहीं मिलता, दुख ही मिलता है। जब मन यह जान जाता है कि वहां सुख नहीं दुख है, तो वह आसानी से उस आदत से बाहर निकल आता है। जब तुम्हारी बुद्धि कहती है कि, ‘यह मेरे लिये अच्छा नहीं है, फिर भी इसके प्रति मेरी लालसा है, ‘तो जीत किसकी होनी चाहिये – बुद्दि की, मन की, या भवनाओं की? इसीलिये मैं कहता हूं कि किसी भी बुरी आदत से छुटकारे के लिये तीन चीजे बहुत सहायक हैं। जब तुम्हें किसी और चीज में अधिक प्रेम और आनंद मिलता है तब वह बुरी आदत छूट जाती है। सुदर्शन क्रिया करने पर लोगों के साथ ऐसा ही होता है।

इतना आनंद मिलता है कि सिगरेट का नशा या कोई भी बुरी आदत अपने आप ही छूट जाती है। क्रिया और ध्यान करने से इस में सहायता मिलती है। तो, प्रेम होने से सहायता मिलती है, लालच भी सहायक सिद्ध होता है। यदि कोई तुमसे कहे कि ‘दो महीने तक सिगरेट नहीं पियोगे तो तुम्हारी लॉटरी निकल आयेगी, ‘तो उस लालच से तुम्हारा मन तुम्हें उस आदत से मुक्ति दिला देगा। तो, दूसरी ची़ज है, लालच! तीसरी चीज जिस से तुम्हें बुरी आदत से छुटकारा पाने में मदद मिलती है वह है भय। यदि कोई तुम से कहे कि, ‘शराब पीने से तुम्हारा लिवर खराब हो जायेगा, और तुम मर जाओगे, ‘तो तुम बीमारी के भय से या किसी परेशानी में पड़ने के भय से तुम किसी भी सुख के प्रलोभन से बच जाओगे। कई लोग जो व्यभिचारी हुआ करते थे, एड्स के भय से यह आदत छोड़ चुके हैं। तो, एड्स के भय से वे अपने जीवन साथी के प्रति वफादार बन गये! प्रेम, लालच या भय, इन तीन चीजों से तुम किसी भी बुरी आदत से छुटकारा पा सकते हो।