इस वर्ष सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को था और अंतिम 16 अगस्त को पड़ रहा है। श्रावण मास का आरंभ 25 जुलाई को हो गया था औेर अब समापन की तारीख 22 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन पूर्णिमा को पड़ रही है। सावन का महीना हिंदू कैलेंडर के अनुसार 5वां महीना होता है। 16 अगस्त को भाद्रपद संक्राति भी है आर सावन का अंतिम सोमवार भी। इस दिन चंद्र बृश्चिक राशि में तथा अष्टमी तिथि प्रात: 7 बज कर 45 मिनट तक होगी फिर नवमी लग जाएगी। अनुराधा नक्षत्र व ऐन्द्र योग होगा। भगवान शिव को पार्वती ने पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने में कठोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की. अपनी भार्या से पुन: मिलाप के कारण भगवान शिव को सावन का यह महीना अत्यंत प्रिय हैं। यही कारण है कि इस महीने कुंवारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं. यह भी मान्यता हैं कि सावन के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में विचरण किया था जहां अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था. इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व बताया गया हैं.
इस महत्वपूर्ण दिन पितृ-तर्पण और ऋषि-पूजन या ऋषि तर्पण भी किया जाता है। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद और सहयोग मिलता है जिससे जीवन के हर संकट समाप्त हो जाते हैं।
मान्यता है कि अंतिम सोमवार को भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। अत: इस दिन रुद्राभिषेक करके रुद्राष्टक और लिंगाष्टक का पाठ करना चाहिए। भगवान शिव को पार्वती ने पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने में कठोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की. अपनी भार्या से पुन: मिलाप के कारण भगवान शिव को सावन का यह महीना अत्यंत प्रिय हैं.यही कारण है कि इस महीने कुंवारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं।
-मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़, मो. 98156-19620
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