Inverter Tips,(आज समाज),नई दिल्ली: आज के समय में इन्वर्टर की जरुरत दिनों – दिन बढ़ती हुई चली जा रही है। इन्वर्टर का इस्तेमाल इन दिनों ज्यादातर घरों में किया जा रहा है। बिजली कटौती के समय इन्वर्टर ही जरूरत कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। गर्मियों के समय में बिजली कटौती की समस्या कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। गर्मी के समय में एक मिनट भी पंखे और एसी के बिना रह पाना मुश्किल हो जाता है।
इन्वर्टर की मदद से आप एसी तो नहीं लेकिन पंखा, टेबल फैन और एलईडी बल्व का यूज़ किया जा सकता है। अगर आपके घर में भी इन्वर्टर है, तो आपको कुछ इससे जुड़ी कुछ बातों को जरूर जान लेना चाहिए,क्योंकि अगर बिना जाने आप इन्वर्टर का इस्तेमाल करेंगे तो इसकी बैटरी खराब हो सकती है।
बैटरी को कब रीफिल करना चाहिए
आपको बता दें कि इन्वर्टर की बैटरी को लगातार इस्तेमाल करने के बाद इसमें भरा पानी धीरे – धीरे खत्म होने लग जाता है। हालांकि इस बैटरी को कब रीफिल करना चाहिए इस बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती है। ऐसे में आज हम आपको इसे रीफिल करने का सही समय और तरीका बताने जा रहे हैं। वॉटर रीफिलिंग में लोगों का 150 से 200 रुपये का खर्च आता है, बैटरी में सिर्फ डिस्टिल्ड वॉटर ही भरा जाता है, जो बैटरी के अंदर जाकर किसी भी तरह का रिएक्शन नहीं कर पाता है।
कब बदलाना चाहिए बैटरी का पानी?
बैटरी का पानी बदलने में कितने दिन का गैप होना चाहिए ये बैटरी के प्रकार, आपके उपयोग के आधार पर अलग हो सकता है। आमतौर पर, इन्वर्टर में लेड-एसिड बैटरी में 3 से 6 महीने के बीच में वॉटर रिफलिंग की जाती है, लेकिन यह सलाह भी बैटरी के निर्माता द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने पर आधारित होनी चाहिए। आपको बैटरी के पानी को कब और कैसे बदलना चाहिए इसकी पूरी जानकारी बैटरी के निर्माता अपने ग्राहकों को देते हैं।
गर्मी के मौसम में इन्वर्टर की बैटरी में मौजूद पानी बहुत जल्दी ही ख़त्म होने लग जाता है। ऐसे में इन्वर्टर की बैटरी में पानी कम होने के मार्क का जरूर दें। पानी डालने के लिए इन्वर्टर सर्विस प्रोवाइडर से आपको तुरंत ही बात करनी चाहिए।