Property Rights: प्रॉपर्टी संबंधी अधिकारों और विवादों को लेकर अक्सर कई सवाल उठते हैं। खासतौर पर जब मामला पिता या ससुर की संपत्ति से जुड़ा हो, तो यह और भी जटिल हो जाता है। बहू का ससुर की संपत्ति पर हक है या नहीं, इसे लेकर लोगों में काफी भ्रम रहता है। आइए जानते हैं इस विषय में विस्तार से और समझते हैं कि कानून क्या कहता है।
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बहू के ससुराल की प्रॉपर्टी पर अधिकार
कानूनी रूप से किसी महिला को पति के साथ घर में रहने का अधिकार दिया गया है। यह अधिकार महिला को घरेलू हिंसा से बचाने और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए है। लेकिन जब बात ससुराल की प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी की आती है, तो स्थिति थोड़ी अलग हो जाती है।
अर्जित प्रॉपर्टी पर अधिकार
- पति की अर्जित संपत्ति:
अगर किसी व्यक्ति ने खुद से संपत्ति अर्जित की है, चाहे वह जमीन हो, मकान हो, नकदी हो, या अन्य कोई संपत्ति, तो उस पर सिर्फ उसी व्यक्ति का अधिकार होता है।- वह अपनी संपत्ति को बेच सकता है।
- किसी के नाम वसीयत कर सकता है।
- उसे दान या गिरवी भी रख सकता है।
इस पर पत्नी या बहू का कोई अधिकार नहीं होता, जब तक कि कानूनी तौर पर प्रावधान न हो।
- सास-ससुर की संपत्ति:
- सामान्य परिस्थितियों में, सास-ससुर की संपत्ति पर महिला का कोई हक नहीं होता।
- उनकी जीवित अवस्था में या उनके देहांत के बाद भी महिला सीधे तौर पर इस संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती।
कब मिल सकता है बहू को अधिकार?
- पति की मृत्यु के बाद:
यदि पति का देहांत हो जाता है और सास-ससुर भी नहीं रहते, तो उनकी संपत्ति पर बहू का अधिकार बनता है। - बिना वसीयत की स्थिति में:
अगर सास-ससुर ने कोई वसीयत नहीं बनाई है और संपत्ति किसी और के नाम नहीं की है, तो बहू का इस पर हक बन सकता है, लेकिन वह भी पति के हिस्से के माध्यम से।
पिता की संपत्ति में बेटे का अधिकार
यह भी ध्यान में रखना जरूरी है कि पिता की अर्जित संपत्ति पर बेटा तभी तक अधिकार जता सकता है, जब माता-पिता इसे सहमति से दें। अगर यह प्रॉपर्टी माता-पिता ने खुद से अर्जित की है, तो बेटा कानूनी रूप से उस पर दावा नहीं कर सकता।