राजीव गांधी की मृत्यु के बाद उनके मित्र सतीश शर्मा जीते और मंत्री बने तो उन्होंने विकास के रथ को आगे बढ़ाया। 1998 में अमेठी के राजा संजय सिंह ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा और सतीश शर्मा को हराकर संसद पहुंच गए मगर 1999 में सोनिया गांधी ने उन्हें बुरी तरह हराया और पहली बार संसद पहुंची। इसके बाद 2004, 2009 और 2014 सभी चुनावों में यहां की जनता ने राहुल गांधी को चुना। 2014 में राहुल का भाजपा की स्मृति ईरानी से कड़ा मुकाबला हुआ मगर राहुल ने मोदी लहर के बावजूद उन्हें पटखनी दी। स्मृति को राहुल गांधी से चित होने के बाद भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला। स्मृति ने हार के बाद भी राहुल और अमेठी का पीछा नहीं छोड़ा, हालांकि राहुल ने उन्हें कोई महत्व नहीं दिया। कुल मिलाकर यह बात साफ है कि इस सीट ने कभी कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा। दो बार यहां कांग्रेस हारी मगर दोनों ही नेता कांग्रेस से दूसरे दलों में गए थे। यहां के लोग राहुल से गुस्सा हैं कि वे अपने माता-पिता की तरह उनके दुख दर्द बंटाने नहीं आते। उनसे मिलते भी नहीं हैं मगर दिल में जगह अभी भी है।
इस बार अमेठी सीट पर काफी कड़ा मुकाबला दिख रहा है। स्मृति ईरानी और भाजपा प्रचार करते हैं कि अमेठी में कांग्रेस ने कुछ नहीं किया जबकि यहां के लोग और वस्तुस्थिति उनके दावे को नकारते हैं। यहां के लोग कहते हैं कि अब तक अमेठी में जो हुआ, वो कांग्रेस ने ही किया। अमेठी को एक पहचान दी। हालांकि लोगों का कहना है कि जब तक राजीव गांधी थे, अमेठी का भरपूर विकास हुआ। राजीव गांधी के साथ ही यूपी में कांग्रेस भी चली गई और केंद्र से बहुत कुछ नहीं मिल पाया। राहुल गांधी यहां वक्त भी नहीं देते हैं। अमेठी राजेंद्र भइया कहते हैं कि हिन्दुस्तान एरोनॉटिकल (एचएएल) की इकाई, इंडोगल्फ फर्टिलाइजर्स, बीएचईएल प्लांट, इंडियन आॅयल की यूनिट, पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान के अलावा तमाम शैक्षणिक और तकनीकी संस्थान कांग्रेस ने ही दिए थे। अमेठी-रायबरेली वीआईपी क्षेत्र बना जिसके कारण फुरसतगंज में हवाई पट्टी और विमान प्रशिक्षण स्कूल भी बना है। शुकुल बाजार के निवासी बब्बन दुबे कहते हैं, मेगा फूड पार्क, हिंदुस्तान पेपर मिल, आईआईआईटी, होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, गौरीगंज में बनने वाला सैनिक स्कूल जैसे प्रोजेक्ट भाजपा सरकार में या तो कहीं और भेज दिए गए या फिर रोक दिए गए हैं। भाजपा की यूपी और केंद्र दोनों में सरकारें रही हैं मगर उन्होंने तो झूठ बोलने के अलावा कुछ नहीं किया।