- नुकसान होने पर प्रति एकड़ 40 हजार रुपए तक मिलेगा बीमा : डीसी मोनिका गुप्ता (आईएएस)
- किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर कराएं पंजीकरण
Aaj Samaj (आज समाज), Horticulture Insurance Scheme, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत हरियाणा सरकार ने विभिन्न आपदाओं के दौरान बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए योजना चला रखी है। जिला के बागवानी किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए पहले मेरी फसल मेरा बोरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाएं। इच्छुक किसान एमबीबीवाई डॉट एचओआरटी हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर पंजीकरण करवा सकते हैं।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त मोनिका गुप्ता (आईएएस) ने बताया कि किसानों को फसलों में ओलावृष्टि, पाला, बादल फटना, आंधी तूफान, ज्यादा तापमान में सूखे जैसी आपदाओं से नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में सरकार की ओर से इस योजना के तहत सब्जियों तथा मसाले की फसलों को सुरक्षा कवच उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह योजना किसानों को सब्जियों, फलों व मसालों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम से मुक्त कर फसल लागत की भरपाई करने में कारगर साबित होगी।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत फलों की खेती पर 40 हजार रूपए प्रति एकड़ तक व सब्जियों व मसालों पर 30 हजार रूपए प्रति एकड़ तक का बीमा किया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए बागवानी फसलों का मेरी फसल मेरा मेरा पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसके बाद इच्छुक किसानों को एमबीबीवाई डॉट एचओआरटी हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर पंजीकरण करवाना होगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अन्य किसी जानकारी के लिए जिला स्तर पर जिला उद्यान अधिकारी व ब्लॉक स्तर पर उद्यान विकास अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं।
योजना में फलों, सब्जियों तथा मसाले की ये 46 फसलें हैं शामिल
उपयुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि इस योजना के तहत सब्जियों में टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, मूली, खरबूज, तरबूज, खीरा, कद्दू, अरबी, टिंडा, तौरी, कद्दू व ककड़ी को शामिल किया गया है। इसी प्रकार फलों की फसलों में आम, किन्नू, बेर, लिची, अमरुद, ड्रैगन फल, अंजीर, खजूर, अनार, मालटा, लाईम, लेमन, संतरा, आडू, नाशपाती, आलू बुखारा, चीकू, जामुन, अंगूर, स्ट्रॉबेरी एवं आंवला तथा मसालों में हल्दी व लहसुन की फसलों को शामिल किया गया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को फलों की खेती पर 1 हजार रूपए प्रति एकड़ एवं सब्जी व मसाले पर 750 रुपए प्रति एकड़ का प्रीमियम भुगतान करना होगा।
ये रहेगी फसल हानि के आंकलन एवं मुआवजा प्रकिया
डीसी मोनिका गुप्ता ने बताया कि बागवानी फसल बीमित किसान को प्राकृतिक नुकसान होने पर 72 घंटे के अंदर-अंदर विभाग या पोर्टल पर सूचित करना अनिवार्य है। फसल के हुए नुकसान की फोटो पोर्टल पर अपलोड भी कर सकते हैं। फसल हानि का आंकलन विभागीय कमेटी द्वारा बीमा दावे का निपटारा के लिए 7 दिन के अंदर अंदर सर्वे किया जाएगा। 25 प्रतिशत से कम फसल नुकसान पर कोई मुआवजा राशि नहीं दी जाएगी। सब्जियों व मसालों में 26 से 50 प्रतिशत हुए नुकसान में 50 प्रतिशत मुआवजा राशि 15 हजार रुपए, सब्जियों व मसालों में 50 से 75 प्रतिशत हुए नुकसान में 75 प्रतिशत मुआवजा राशि 22 हजार 500 रुपए व फलों में 30 हजार रुपए तथा सब्जियों व मसालों में 75 से 100 प्रतिशत हुए नुकसान में 100 प्रतिशत मुआवजा राशि 30 हजार रुपए व फलों में 40 हजार रुपए दिए जाएंगे।
निर्धारित तिथि अनुसार करवाएं पंजीकरण
स्ट्रॉबेरी के लिए 1 सितंबर से 31 जनवरी तक, टमाटर, आलू, फूलगोभी, गाजर, पत्ता गोभी, मटर, मूली, लहसुन के लिए 15 सितंबर से 31 जनवरी, चप्पन कद्दू, जुकिनी के लिए 15 नवंबर से 31 जनवरी, रबी प्याज के लिए 15 दिसंबर से 31 जनवरी, भिंडी, लौकी, करेला, बैंगन, मिर्च, शिमला मिर्च, खरबूज, तरबूज, ककड़ी, टिंडा, तोरइ, कद्दू के लिए 15 जनवरी से 15 मार्च, खजूर के लिए 1 फरवरी से 31 मई, अनार के लिए 1 मार्च से 31 मई, मालटा, नींबू, संतरा व वाला के लिए 1 मार्च से 31 में तक पंजीकरण करवाना होगा।
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