प्रदेश में पहली बार री-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस में बागवानी खेती की शुरूआत

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प्रदेश में पहली बार री-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस में बागवानी खेती की शुरूआत
प्रदेश में पहली बार री-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस में बागवानी खेती की शुरूआत
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  • खुलेंगे किसानों की उन्नति के द्वार
  • महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय के अनुसंधान केंद्र अंजनथली नीलोखेड़ी में री-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस में लगाया प्रदर्शनी प्लांट
प्रवीण वालिया, करनाल : 
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के अनुसंधान केंद्र अंजनथली नीलोखेड़ी में री-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस लगाया है। नई तकनीक से किसान जहां भीषण गर्मी के मौसम में भी करीब 3 गुणा फसल उत्पादन ले सकेंगे, जो उनके लिए आर्थिक उन्नति के द्वार खोलेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए एमएचयू के विस्तार शिक्षा विभाग के द्वारा री-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस में बीज रहित खीरा का प्रदर्शन प्लांट लगाया है।
नई तकनीक से उगाया गया खीरा सभी पोषक तत्वों से भरपूर है, जो ब्लड शूगर से लेकर वजन कम करने में भी सहायक है। आमतौर पर ग्रीन हाउस में मई माह में खीरे का उत्पादन समाप्त हो जाता है, परंतु री-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस की नई तकनीक से मई माह में भी खीरा का उत्पादन लिया जा सकता है। बाजार में मई माह के दौरान खीरा का उत्पादन कम हो जाता है।

नई तकनीक अपनाकर ज्यादा लाभ

नई तकनीक अपनाकर किसान खीरा का उत्पादन कर सामान्य खीरा की तुलना में करीब 2 गुणा तक दाम प्राप्त कर आमदनी बढ़ा सकते है। किसान आवश्यकता अनुसार एमएचयू प्रशासन से संपर्क करके री-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस लगवाने के लिए अनुदान का अनुरोध कर सकते है, फिलहाल अभी तक इस प्रकार के री-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस पर अनुदान की आवश्यकता नहीं है।
उनके अनुरोध को सरकार के पास पहुंचाया जाएगा ताकि किसान इस नई तकनीक को अपनाकर ज्यादा लाभ ले सकें। एसोसिएट डायरेक्टर एक्सटेंशन डा. सतेंद्र यादव ने बताया कि री-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस को नई पीढ़ी का ग्रीन हाउस भी कह सकते है। साइड वेटिंलेशन के अलावा छत का एरिया भी हवा के आगमन के लिए खोला जा सकता है, इसमें फसलों को अधिक समय के लिए उगाया जा सकता है।

पोषक तत्वों से भरपूर खीरा

यूएसडीए के अनुसार नई तकनीक से उगाएं गए खीरा की बात करें तो करीब 150 ग्राम खीरा में 137 ग्राम पानी की मात्रा, 17 ग्राम कैलोरी, 0.8 ग्राम प्रोटीन, 0.2 ग्राम फैट,193 ग्राम पोटाशियम, 4.5 मिली ग्राम विटामिन, 30 ग्राम फास्फोरस, 30 ग्राम कैल्शियम की मात्रा होती हैं।

री-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस में लगे खीरा की विशेषताएं

इस तकनीक से उगाएं गए खीरा ब्लड शूगर व वजन कम करने में सहायक होता हैं। ये अलग किस्म का बीज रहित खीरा है। खीरा में कड़वाहट नहीं होती। खीरा का छिलका पतला होता है, इसे छिलने की आवश्यकता नहीं। खीरा मुलायम व गहरे रंग व सामान आकार का होता है। खाने में खीरा स्वादिष्ट है ही साथ ही खीरे में न्यूट्रिशियन, कम कैलोरी होती है।

क्या कहते हैं महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय के कुलपति

महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए पूरी तरह समर्पित है तथा नई-नई तकनीक पर काम करने के लिए वचनबद्ध है। री-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस की नई तकनीक को एमएचयू में लगाया गया है। इसका  उद्देश्य किसानों को फसलों का प्रदर्शन करना है ताकि किसान प्रदर्शनी प्लांट को स्वयं आकर देखें, एमएचयू के वैज्ञानिकों से फसल उत्पादन के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर उसका अनुसरण करें।
उन्होंने कहा कि रि-ट्रैक टेबल ग्रीन हाउस प्रदेश में पहली बार एमएचयू के 3 अनुसंधान केंद्रों में लगाए गए हैं, इनमें अनुसंधान केंद्र अंजनथली नीलोखेड़ी, अनुसंधान केंद्र रैया ओर क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र मुरथल शामिल हैं।