हुडडा गुट से करीब 70 कैंडीडेट्स को टिकट तो विरोधी खेमे को दर्जन भर टिकट से करना पड़ा संतोष
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अबकी बार पिछले 10 साल से हरियाणा में राज कर रही भगवा पार्टी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। तो वहीं दूसरी तरफ कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल किसी ने किसी रूप में सत्ता में आने या कुछ सीट प्राप्त कर किंग मेकर बन के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस ने कई दिन तक मंथन और चिंतन के बाद 12 अक्टूबर यानी कि नामांकन की आखिरी दिन से एक दिन पहले देर रात 11 सितंबर को पार्टी कैंडीडेट्स की चौथी सूची जारी की। लिस्ट जारी करने के बाद टिकट के कई दावेदारों को टिकट नहीं मिलने पर उनकी नाराजगी सामने आई। चुनाव से ठीक पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा और विरोधी खेमा जिसमें कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और चौधरी बीरेंद्र सिंह शामिल हैं, के बीच जमकर तनातनी रही। जारी की गई 90 कैंडीडेट्स की लिस्ट से साफ पता चलता है की टिकट वितरण में भूपेंद्र सिंह हुडडा गुट सबके ऊपर भारी पड़ा और इसकी एक तरफा चली। ये बता दें कि कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनावों में 89 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है जबकि एक सीट सीपीएम को दी है। पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपने सभी मौजूदा विधायकों को टिकट दिया यानी कि एक भी सिटिंग विधायक का टिकट नहीं कटा।
सैलजा और सुरजेवाला को नहीं दी टिकट
जहां तक टिकट बंटवारे का सवाल है, तो इसमें साफतौर पर हुड्डा खेमे का एकतरफ दबदबा नजर आ रहा है। वहीं, दलित समुदाय से आने वाली लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा हुड्डा के सामने सीएम की कुर्सी पर दावेदारी ठोक रही हैं और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को पार्टी ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया। ये दोनों नेता भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जाते हैं, हालांकि पार्टी की तरफ से कहा गया है कि सीएम बनने के लिए चुनाव लड़ना अनिवार्य नहीं है। कांग्रेस द्वारा जारी की गई लिस्ट से साफ पता चलता है कि एक चौथाई से भी ज्यादा उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक हैं। पार्टी के स्टिंग 28 विधायक को मैसेज 24 हुड्डा समर्थक विधायकों को टिकट दी गई। इनके अलावा सैलजा, सुरजेवाला की करीब दर्जन बार और पार्टी हाई कमान के इंटरेस्ट वाली कुछ सीट छोड़ दें बाकी 70 से ज्यादा सीटों पर हुड्डा गुटके समर्थकों को टिकट दी गई है।
दिग्गज नेताओं के बेटों को टिकट
कांग्रेस ने पार्टी के कई दिग्गज नेताओं के बेटों को टिकट दी है। कांग्रेस ने पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला को कैथल से उम्मीदवार बनाया है। हाल ही में बीजेपी से कांग्रेस वापिस लौटे चौधरी बिरेंद्र सिंह के बेटे और पूर्व सांसद बिजेंद्र सिंह को पार्टी ने उचाना से टिकट दिया है। हुड्डा के करीबी लोकसभा सांसद जयप्रकाश के बेटे विकास सहारण को कलायत से मैदान में उतारा गया है। वही भूपेंद्र सिंह हुड्डा के धुर विरोधी कप्तान अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव को एक बार फिर से टिकट दे दी गई।
सैलजा, सुरजेवाला और बिरेंद्र सिंह गुट को करीब दर्जन भर सीट ही मिली
जिस तरह से पार्टी के दिग्गज नेता अपनी संतान या फिर रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे थे उसी तरह से कुमारी सैलजा अपने भतीजे को उकलाना सीट से टिकट दिलवाना चाहती थी लेकिन पार्टी ने हुड्डा के करीबी नरेश सेलवाल को इस सीट से टिकट दिया। लिस्ट से साफ पता चलता है कि हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए कुमारी सैलजा के खेमे के 7 से 9 उम्मीदवारों को टिकट मिला। पार्टी के मौजूदा 28 विधायकों में से 24 हुड्डा के ही समर्थक हैं। सैलजा समर्थक चार विधायकों नारायणगढ़ से शैली चौधरी, सढ़ौरा से रेणु बाला, कालका से प्रदीप चौधरी व असंध से शमशेर सिंह गोगी को टिकट मिला है। इनके अलावा पंचकूला में पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई, जगाधरी में पूर्व डिप्टी स्पीकर अकरम खान, अंबाला कैंट में परमिंदर पाल सिंह, हिसार में रामनिवास राड़ा व फतेहाबाद में पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया को सैलजा की पसंद से टिकट दिया है। माना जा रहा है कि पूर्व मंत्री व टोहाना से प्रत्याशी घोषित किए गए परमवीर सिंह को भी सैलजा की पसंद से टिकट मिला है। वहीं, सुरजेवाला के खेमे से 2 टिकट दिए गए, जिसमें एक सीट उनके बेटे आदित्य सुरजेवाला हैं और दूसरी नरवाना से सतबीर दुबलैन। वहीं बिरेंद्र सिंह के बेटे को भी टिकट मिली है। इसके अलावा लंबे समय से हुड्डा से नाराज चल रहे कप्तान अजय यादव भी केवल बेटे को ही टिकट दिलवा पाए। उनके किसी समर्थक को टिकट नहीं मिली।
सचिव शारदा राठौर की टिकट काटकर पराग शर्मा को दी
कांग्रेस के दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व की पसंद से इस बार चार हलकों में टिकट का फैसला हुआ है। बल्लभगढ़ से पार्टी ने पूर्व मुख्य संसदीय सचिव शारदा राठौर की टिकट काटकर पराग शर्मा को दी है। प्रियंका गांधी की सिफारिश पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बवानीखेड़ा हलके से पार्टी के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल को टिकट मिली है। तिगांव हलके से पूर्व विधायक ललित नागर की टिकट काटकर नई दिल्ली में ही सक्रिय युवा नेता रोहित डागर को उम्मीदवार बनाया है। वहीं घरौंडा हलके से वीरेंद्र सिंह राठौर कांग्रेस नेतृत्व के ह्आशीर्वादह्ण से ही तीसरी बार टिकट लेने में कामयाब रहे।
हुड्डा के सामने हाई कमान भी बेबस नजर आया, राहुल की इच्छा के बावजूद नहीं हो पाया गठबंधन
राहुल गांधी ने कांग्रेस की सीईसी बैठक में कहा था कि कांग्रेस को आम आदमी के साथ अलायंस की संभावना पर विचार करना चाहिए लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा आम आदमी पार्टी से गठबंधन के कतई पक्ष में नहीं थे। लेकिन बीच में कई दफा सामने आया कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच कई दौर की बैठक गठबंधन को लेकर हुई है लेकिन दोनों के बीच बात सिरे नहीं चढ़ पाई। दोनों पार्टियों के बीच टिकट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाने के चलते गठबंधन नहीं हो पाया और आम आदमी पार्टी ने सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए। पिछले कई दिनों के राजनीतिक परिदृश्य और बयानों से साफ पता चलता है कि पार्टी हाई कमान बेशक आम आदमी पार्टी से गठबंधन चाहता था लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट इसके पक्ष में कतई नहीं था