संजीव कौशिक, रोहतक:
भाजपा-जजपा सरकार प्रदेश के शिक्षा तंत्र और बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेल रही है। रेशनलाइजेशन और चिराग योजना के जरिए सरकार पूरी शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना चाहती है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज रोहतक में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
अध्यापकों के 38 हजार पद खाली
उन्होंने कहा कि टीचर्स की नई ट्रांसफर पॉलिसी के चलते प्रदेश के बहुत सारे स्कूलों में स्टाफ की भारी किल्लत हो गई है। खाली पदों को भरने के बजाय सरकार उन पदों और स्कूलों से उनके विषयों को ही खत्म कर रही है। इस तरह सरकार अब तक करीब 20,000 टीचर्स के पदों को खत्म कर चुकी है। जबकि सच्चाई ये है कि स्कूलों में लगभग 38,000 टीचर्स के पद खाली हैं। हजारों युवा भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, यह सरकार बिना भर्ती के ही खाली पदों को खत्म करती जा रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक आरटीआई जवाब का हवाला देते हुए कांग्रेस कार्यकाल में हुए कामों और मौजूदा सरकार के कामों की तुलना की।
बोले- 8 साल में खुले केवल 8 स्कूल
उन्होंने बताया कि नवंबर 2014 से अप्रैल 2022 तक इस सरकार ने प्रदेश में सिर्फ 8 नये स्कूल खोले हैं और सिर्फ 463 स्कूलों को अपग्रेड किया है। जबकि, मौजूदा सरकार अब तक कुल 196 स्कूल बंद कर चुकी है। 3 दिन पहले ही सरकार ने 105 और स्कूलों को बंद कर दिया। जबकि कांग्रेस सरकार ने हरियाणा को शिक्षा का हब बनाया था। अपने बयान में उन्होंने बताया कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान प्रदेश में ककट, ककळ, कककळ, ऋऊऊक, ठकऋळ, ठ्रा,ि ठ्रा३े, ठकऊ, अककटर, 5 मेडिकल कॉलेज, केंद्रीय विश्वविद्यालय, डिफेन्स यूनिवर्सिटी जैसे अनेकों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान व कैंपस स्थापित हुए। साथ ही करीब साढ़े पांच हजार स्कूल खोले गए और 1313 स्कूलों को अपग्रेड किया गया। प्रदेश में दर्जनों मॉडल स्कूल, आरोही मॉडल स्कूल, किसान मॉडल स्कूल खोले गए।
कांग्रेस सरकार ने दी थी 1 लाख नौकरियां
कांग्रेस सरकार के दौरान सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में 1 लाख से ज्यादा नौकरियां दी गई। इतनी बड़ी तादाद में शिक्षण संस्थानों की स्थापना से लाखों अन्य रोजगार सृजित हुए। लेकिन मौजूदा सरकार नौकरी देने की बजाए छीनने का काम कर रही है। पिछले 8 साल के दौरान इस सरकार में एक भी जेबीटी की भर्ती नहीं निकाली गई। सरकार की कुनीतियों के चलते प्रदेश में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। हुड्डा ने ठकफऋ रैंकिंग का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की यूनिवर्सिटीज लगातार पिछड़ती जा रही हैं। केयूके और जीजेयू जैसी यूनिवर्सिटीज टॉप 100 में भी जगह नहीं बना पाई हैं। एमडीयू की रैंकिंग भी गिरकर 94 पर पहुंच चुकी है। जबकि 2016-17 तक ये यूनिवर्सिटी टॉप 30-50 में जगह बनाती थीं।
अपने ही फैसले से ले लेते हैं यू-टर्न
हुड्डा ने पत्रकारों को बताया कि रोहतक के लघु सचिवालय और न्यायिक परिसर को शिफ्ट करने पर सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। विधानसभा में विधायक बीबी बतरा द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में खुद मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायिक परिसर और लघु सचिवालय को शिफ्ट करने की कोई योजना नहीं है। ज्ञात रहे कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ऐलान किया था कि किसी भी कीमत पर इन परिसरों को यहां से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। क्योंकि, सरकार किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए शिफ्टिंग का यह कदम उठाना चाहती है। लेकिन इसकी वजह से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। आखिरकार सरकार को अपने फैसले से यू टर्न लेना पड़ा।
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