Aaj Samaj (आज समाज), Home Ministry CAA, नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत नियमों की अधिसूचना जारी करने के एक दिन बाद मंगलवार को वेब पोर्टल यानी वेबसाइट (इंडियन सिटिजनशिप आनलाइन डॉट निक डॉट इन) लॉन्च किया। केंद्र सरकार ने भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन करने वाले लोगों की सुविधा के मद्देनजर वेब पोर्टल की शुरुआत की है। इसमें गैर मुस्लिम शरणार्थी भारतीय नागरिकता के लिए आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा, सरकार बहुत जल्द एक मोबाइल एप ‘सीएए-2019’ की भी लॉन्चिंग करेगी।
- गैर मुस्लिम शरणार्थी कर सकेंगे आवेदन
इन्हें दी जाएगी भारतीय नागरिकता
सीएए के अंतर्गत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों से आवेदन मांगे गए हैं। आवेदक में बताना होगा कि वे किस साल भारत आए थे। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। केंद्र सरकार ने इसी सप्ताह 11 मार्च को सीएए की अधिसूचना जारी की थी, जिसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया है।
रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर
मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग, कई विपक्षी दल व संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। मुस्लिमों का कहना है कि यह कानून उनके साथ भेदभाव करता हैै। वहीं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और डेमोक्रेटिक यूथ फ्रंट आफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने नागरिकता संशोधन नियम 2024 पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अलग- अलग दो याचिकाएं दायर की हैं।
सीएए लागू करना अच्छा कदम : झारखंड गवर्नर
झारखंड के गवर्नर सीपी राधाकृष्णन ने कहा, सीएए को लागू करना अच्छा कदम है। उन्होंने कहा, हम देश को अनाथों का देश नहीं बना सकते हैं, जहां कोई भी कभी भी अपनी मर्जी से आ जा सकता है। हमें अवैध अप्रवास को रोकना होगा। पहले ही हम 140 करोड़ लोगों का देश हैं।
मेरे लिए मोदी राम का अवतार : शरणार्थी
दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में रह रहे पाकिस्तानी शरणार्थियों से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने मुलाकात की। सांसद ने उन्हें घर देने का आश्वासन दिया। एक शरणार्थी ने कहा, मैं मोदी को राम का अवतार मानता हूं।
हम तमिलनाडु में कानून लागू नहीं होंगे देंगे : सीएम
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्य में नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं किया जाएगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, सीएए लोगों के अधिकारों को छीनने का खेल है। उन्होंने कहा, मुझे इसकी कानूनी वैधता पर शक है। केंद्र की अधिसूचना में सीएए के नियमों को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, मैं इसे नैतिक और संवैधानिक रूप से गलत मानता हूं और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सुप्रीम कोर्ट जाने के फैसले का समर्थन करता हूं। अगर ‘इंडिया’और कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो हम बिना किसी संदेह के इसे रद कर देंगे।
यह भी पढ़ें: