कोलकाता। एक ओर कोरोना संक्रमण की मार लोगों पर है तो दूसरी ओर गरीबों और श्रमिकों पर राजनीतिक मार भी है। केंद्र और पश्चिम बंगाल के बीच तकरार के किस्से नए नहीं हैं। केंद्र की ओर से कहा जा रहा है कि प्रवासियों की ट्रेन को बंगाल राज्य में आने नहीं दे रहा है। जबकि इसके उलट ममता सरकार की ओर से केंद्र पर पलटवार किया गया। गृहमंत्री अमित शाह की ओर सेपश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को इस संबंध में खत लिखा। उन्होंनेआरोप लगाया कि उनकी सरकार प्रवासियों की ट्रेनों को राज्य में आने से रोक रही है, जो कि एक तरह से अन्याय है। इसके तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर प्रवासियों को लेकर आने वाली ट्रेनों को न आने देने का आरोप लगाने वाले पत्र को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि आप आरोप साबित करें या माफी मांगें। टीएमसी के अभिषेक बनर्जी ने उलटे गृहमंत्री पर ही आरोप लगाया दिया कि वह हफ्तों तक चुप रहने के बाद केवल झूठ से लोगों को गुमराह करने के लिए बोलते हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर, शाह ने कहा कि ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने की अनुमति न देना राज्य के प्रवासी श्रमिकों के साथ ‘अन्याय’ है। देश के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग गंतव्य स्थानों तक प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का संदर्भ देते हुए गृह मंत्री ने पत्र में कहा कि केंद्र ने दो लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की सुविधा प्रदान की है।