होलिका की पूजा-अर्चना कर मांगी मन्नत, देर रात हुआ दहन: Holika Pujan

0
626
Holika Pujan
Holika Pujan

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :

Holika Pujan: महेंद्रगढ़ क्षेत्र में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ होलिका का पूजन किया। महिलाओं ने पीले वस्त्र पहन कर बच्चों के साथ होलिका का पूजन कर सुख-शांति व समृद्धि की कामना की। देर रात को विभिन्न स्थानों पर ढोल और नगाड़ों की थाप के बीच शांतिपूर्वक मंगल की कामना करते हुए होलिका दहन किया गया।

Read Also:  लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव से फाटक खुलवाने और सब-वे बनवाने की करी मांग Demand For Opening Of Gates And Construction Of Sub-Ways

पर्व पर महिलाओं ने व्रत भी रखा (Fast On The Festival)

बृहस्पतिवार सुबह से ही होलिका पर्व को लेकर घरों में विशेष तैयारियां शुरू हो गई थी। पर्व पर महिलाओं ने व्रत भी रखा। महिलाओं और बच्चों ने सुबह से ही होलिका पर्व की तैयारियां शुरू कर दी थी। महिलाएं गीत गाती हुई विभिन्न स्थानों पर बनाई गई होलिका के पास गई और वहां पर विधि-विधान अनुसार होलिका पूजन किया। बच्चों में भी होली पूजन को लेकर विशेष उमंग थी।

Holika Pujan बच्चे गले में टॉफी, बिस्कुट व बेर आदि से बनी मालाएं पहने हुए थे। शहर में परशुराम चौक, सैनीपुरा, मौहल्ला खोजावाड़ा, मौहल्ला वाल्मीकि, खटीकान, कोकाबंगड़ी, मसानी चौक, नागरिक अस्पताल, दीवान कॉलोनी, करेलिया बाजार, निमड़ी नीचे, अनाज मंडी सहित अनेक जगहों पर विधिवत होलिका पूजन किया गया। इसके बाद मंगल की कामना करते हुए होलिका दहन किया गया।

देर रात हुआ होलिका का दहन (Holika Pujan)

शहर के गली-मोहल्लों में महिलाओं ने लोकगीतों की धुनों पर नाच गाकर कर खुशियां मनाई। जिले में नारनौल, कनीना, नांगल चौधरी, अटेली मंडी, महेंद्रगढ़, सतनाली मंडी, आकोदा क्षेत्र में भी क्षेत्र वासियों की ओर से उत्साह से होली पूजन किया गया। क्षेत्रवासियों ने होली पर्व पर होली में उपलों की मालाएं डाली तथा देर रात होलिका का दहन किया गया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लोग होलिका में अपनी फसल को पकाकर अपने घर ले गए।

मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ (Fast On The Festival Of Holi)

ग्रामीण क्षेत्र में लोगों ने अपनी मान्यता के अनुरूप मंदिरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इस पर्व पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। सभी गांवों में ग्रामीणों ने देवी-देवताओं के मंदिरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इस पर्व पर श्रद्धालु दूरदराज से अपने पैतृक स्थान पर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। इस पर्व पर महिलाएं उपलों की विशेष आकृति तैयार करती हैं। उन आकृतियों को सामूहिक रूप से जलने वाली होली में डाला जाता है।

Read Also: Holi Colour Removal Tips : चेहरे पर लगे होली के जिद्दी रंगों को फेसवॉश से नहीं बल्कि देसी पैक्स से छुड़वाएं, जानिए कैसे

Read Also:  होली महोत्सव पर हुआ श्याम बाबा का विशाल जागरण: Shyam Baba’s Jagran On Holi

Connect With Us : TwitterFacebook