
Holika Dahan Victory Of Good Over Evil, आज समाज डेस्क: होली से एक दिन पहले मनाया जाने वाला होलिका दहन का त्योहार न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि यह हमारे जीवन को शुद्ध, सुरक्षित और खुशहाल बनाने की परंपरा भी है। इस मौके पर उपले जलाने या लकड़ियां जलाने की न सिर्फ परंपरा है, बल्कि गहरी आस्था और भक्ति से जुड़ी हिंदू धर्म की यह महत्वपूर्ण परंपरा बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है।
कल रात 11:26 मिनट से है शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन होता है। इससे अगले दिन रंगो का त्योहार होली मनाई जाती है। इस बार 14 मार्च यानी इसी सप्ताह शुक्रवार को पूरे देश में होली मनाई जाएगी है। 13 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा।
ज्योतिषियों के मुताबिक इसका शुभ मुहूर्त 13 मार्च रात 11:26 मिनट से लेकर 12: 30 मिनट तक रहेगा। होलिका दहन पर गाय के गोबर व गोबर के उपले बनाकर जलाए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गाय को पवित्र माना जाता है और उसका गोबर पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण सदियों से होलिका दहन पर उपले जलाने की परंपरा है।
शुद्ध होता है वातावरण, आती है सकारात्मक ऊर्जा
मान्यता है कि गाय का गोबर या गोबर के उपले जलाने से उड़ने वाला धुआं नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर वातावरण को शुद्ध करता है और सकारात्मकता लाता है। यह नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों को मारता है। पर्यावरण को भी शुद्ध करने में मदद करता है। कई तरह के रोगों का खतरा कम होता है। यही वजह है कि आज भी कई लोग इस परंपरा को कायम रखे हुए हैं और अपने जीवन में इसे शुभ मानते हैं।
ताजे फूल व सूखा नारियल और चावल का चढ़ावा
होलिका दहन पर गाय के गोबर के उपले जलाने के पीछे धार्मिक वजह तो है ही, साथ ही इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। गाय के गोबर का इस्तेमाल यज्ञ व हवन में भी किया जाता है। कई परिवारों में होलिका की अग्नि में ताजे फूल व सूखा नारियल और चावल आदि चढ़ाने की परंपरा है। कहा जाता है कि इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। गाय के गोबर के उपले जलाने से परिवार बाधाओं से मुक्त होता है। इससे सुख-समृद्धि बढ़ती है।
गोबर की माला बच्चों व भाइयों के सिर पर डालती हैं महिलाएं
कई जगह महिलाएं गोबर की माला बनाकर अपने बच्चों व भाइयों के सिर पर डालती हैं। इसके बाद उस माला को महिलाएं होलिका को अर्पित करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा करने से बुरी नजर से रिलीफ मिलती है और परिवार पर किसी तरह की बुरी शक्ति का प्रभाव नहीं पड़ता। यह भी माना जाता है कि होली पर जलाए गए गोबर के उपले घर के हर संकट को दूर करने में सहायता करते हैं। इसलिए इसे धार्मिक के साथ वैज्ञानिक व पारंपरिक आधार पर भी बहुत जरूरी माना जाता है।
यह भी पढ़ें : Holika Dahan से पहले बाहर निकाल दें घर में रखे पुराने जूते-चप्पल और कपड़े, आएगी सुख-समृद्धि