नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
महाविद्यालयों से 63 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के विद्यार्थियों ने भारतीय सहासिक संस्थान द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय यूथ रेड क्रॉस प्रशिक्षण और सहासिक शिविर में महेंद्रगढ़ जिले का प्रतिनिधित्व किया। शिविर में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से 63 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जिसमें सभी प्रतिभागियों को उनके द्वारा इस सात दिवसीय सहासिक शिविर में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। नैनिताल के चाफी में आयोजित हुए इस साहसिक शिविर में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से बी.टेक- विद्युत अभियांत्रिकी का छात्र शिवम कुमार, साई गणेश, हितेश शर्मा व बी.वॉक- रिटेल एंड लोजिस्टिक्स मैनेजमेंट वासुदेव ने हिस्सा लिया और जिले का प्रतिनिधित्व किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने बताया कि इस तरह के शिविरों के माध्यम से विद्यार्थियों में सकारात्मकता, टीम भावना, साहस, धैर्य आदि गुणों का विकास करने में मदद मिलती है।
मानवता की सेवा ही परमात्मा की सच्ची सेवा
शिविर के समापन समारोह में शिविर निदेशक रोहित शर्मा ने युवाओं को रेडक्रॉस के सिद्धांतों पर चलकर मानवता की सेवा के लिए प्रेरित किया और कहा कि मानवता की सेवा ही वास्तव में परमात्मा को सच्ची सेवा कहलाती है और रेडक्रास इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है जो पिछले 159 सालों से मानवता की सेवा कर रहा है और विश्व में यह एक ऐसी इकलौती संस्था है जो चार बार नोबेल पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है। उन्होंने नशा मुक्ति की आवश्यकता पर बोलते हुए कहा कि धूम्रपान व नशीले पदार्थों का दिन-प्रतिदिन युवाओं द्वारा सेवन किया जाना समाज के लिए चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि यदि हम यह दृढ संकल्प करे तो नशे जैसी गलत आदतों से बचकर एक सभ्य समाज के निर्माण में अपना अहम योगदान दे सकते हैं।
जागरूकता अभियान में योगदान देते हैं
शिविर के महासचिव डॉ. मुकेश अग्रवाल के दिशा-निर्देश में हरियाणा रेडक्रॉस विभिन्न कार्यक्रम और जनकल्याण गतिविधियों सफलतापूर्वक चला रही है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. दिनेश चहल ने बताया कि इन शिविरों का आयोजन 15 से 21 तक किया गया। इनमें प्रदेश के विभिन्न जिलों के युवा रॉक क्लाइंबिंग, रैपलिंग, जूमारिंग, ट्रैकिंग, राइफल शूटिंग, रिवर क्रासिंग आदि गतिविधियों में हिस्सा लिया। विश्वविद्यालय से चार छात्रों का चयन उनके कर्तव्य निष्ठा को मध्यनजर रखते हुए किया गया था। उन्होंने बताया कि जो स्वयंसेवक विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यक्रमों और जागरूकता अभियान में सक्रिय योगदान देते हैं उन्हें विभिन्न कैंप में जाने का मौका मिलता है।
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