दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए हरियाणा सरकार ने लिया फैसला
जाट वोटर्स को रिझाने का प्रयास
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। चुनाव दिल्ली में हो रहे है। प्रभाव हरियाणा में भी दिखाई देने लगा है। हरियाणा की भाजपा सरकार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए हरियाणा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने प्रदेश के स्कूलों में महाराजा सूरजमल का इतिहास पढ़ाने का फैसला किया है। ऐसा हरियाणा सरकार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जाट वोर्टस को रिझाने के लिए किया है।सरकार ने 8वीं कक्षा की किताबों में भरतपुर के महाराजा सूरजमल का इतिहास शामिल कर लिया है।
हरियाणा में जाट समाज की आबादी करीब 22.2 प्रतिशत है। इसके अलावा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी जाट समाज के लोग रहते हैं। महाराजा सूरजमल का इतिहास पढ़ाए जाने की मंजूरी पर भरतपुर राजपरिवार के वंशज व पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आभार जताया है। विश्वेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हरियाणा के स्कूल पाठ्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भारतवर्ष के अजय योद्धा भरतपुर संस्थापक महाराजा सवाई सूरजमल के इतिहास को शामिल करने के ऐतिहासिक फैसला किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का धन्यवाद सहित शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं।
दिल्ली में 10 सीटों पर जाटों का प्रभाव
दिल्ली की 70 में से लगभग 10 सीटों पर जाट अपना असर रखते हैं। ये सीटें महरौली, नजफगढ़, बिजवासन, पालम, मटियाला, विकासपुरी, नांगलोई जाट, नरेला, रिठाला और मुंडका हैं, जो हरियाणा से सटी हैं। एक समय था, जब इन जाट बहुल सीटों पर भाजपा की अच्छी पकड़ थी, फिर ये सीटें आम आदमी पार्टी के पास चली गईं। 2013 के चुनाव में 10 सीटों में 8 सीटें भाजपा, एक सीट आप को और एक अन्य को मिली थी। 2015 के बाद माहौल पूरी तरह से आम आदमी पार्टी के पक्ष में हो गया। 2015 और 2020 के चुनावों में आप ने जाट बहुल सभी 10 सीटें जीतीं और भाजपा-कांग्रेस का खाता नहीं खुला।
सीएम सैनी बता चुके जाटों को देशभक्त
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी लगातार जाटों के बीच पैठ बनाने का काम कर रहे हैं। हरियाणा में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा था कि जाट देशभक्त हैं और 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में वह भाजपा को ही वोट देंगे। इसके अलावा नायब सैनी 3 बार जाट समाज के कार्यक्रम में हिस्सा ले चुके हैं।
हरियाणा में 33 साल जाट समुदाय का रहा सीएम
हरियाणा का 58 साल का पूरा इतिहास देखें तो 33 सालों तक जाट समुदाय के नेता सीएम की कुर्सी पर काबिज रहे हैं। जाट समुदाय के मुख्यमंत्रियों की बात करें तो इस लिस्ट में बंसीलाल, देवीलाल, ओम प्रकाश चौटाला, हुकुम सिंह और भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
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