चंडीगढ़/छतबीड़(आज समाज)। सरकारी बाल घरों और आब्जर्वेशन होम्स/विशेष घरों में रहने वाले बच्चों के •ाविष्य को बेहतर बनाने के लिए ऐतिहासिक पहल करते हुए, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास संबंधी कैबिनेट मंत्री डा. बलजीत कौर ने आज छतबीड़ में चेन्नई आधारित एनजीओ नालंदावे फाउंडेशन के साथ समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की ताकि इन बच्चों के बेहतर पुनर्वास के लिए कला-आधारित तंदुरुस्ती और परिवर्तन परियोजना शुरू की जा सके।
डा. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री .•ागवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के तहत, पंजाब की सरकारी बाल देख•ााल संस्थाओं में रह रहे बेसहारा और जरूरतमंद बच्चों की देख•ााल और सुरक्षा के साथ-साथ कानूनी प्रक्रियाओं का सामना कर रहे बच्चों को 21वीं सदी के योग्य नागरिक बनाने के लिए उन्हें कौशल, रोजगार, करियर गाइडेंस, मानसिक और शारीरिक तंदुरुस्ती और शैक्षिक सहायता के बेहतर अवसर प्रदान किए जाएंगे, ताकि उन्हें एक सुरक्षित पुनर्वास प्रदान किया ज सके। उन्होंने कहा कि हर बच्चे का कोई न कोई सपना होता है, लेकिन सरकारी बाल देख•ााल संस्थाओं (सीसीआई) में परिवारों के बिना रह रहे बच्चों के मामले में स्थिति कुछ दयनीय हो जाती है।
बाल घरों में बच्चे बहुत कोमल स्व•ााव के होते हैं, इसलिए उनके •ाविष्य को दिशा देने के लिए अतिरिक्त देख•ााल की आवश्यकता होती है। उनमें से कई के •ाीतर प्रति•ाा छिपी होती है, जिसे अधिक प्रयास से उ•ाारने की आवश्यकता होती है। इन मामलों में, यह एनजीओ, जो पहले ही तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, झारखंड और दिल्ली सीसीआई में काम कर चुका है, इन बच्चों की बेहतरी के लिए पढ़ाई-लिखाई जैसे बुनियादी साक्षरता कौशल में आवश्यक सहायता प्रदान करने और 6-18 साल की उम्र के बच्चों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और करियर काउंसलिंग में मददगार साबित होगा।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को पहले चरण में 6 सरकारी बाल घरों और 5 निगरानी/विशेष घरों में चलाया जाएगा और अगले चरण में इसका दायरा सरकारी सहायता प्राप्त 4 बाल घरों तक बढ़ाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि आज जब उन्होंने छतबीड़ चिड़ियाघर के विशेष दौरे पर आए इन बच्चों के साथ दोपहर के •ोजन के बाद बातचीत की।