(Hisar News )हांसी। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा शहर के काफी पार्कों में व विभिन्न क्षेत्राों में पर्यावरण संरक्षण प्रकल्प के अंतर्गत पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर दिव्य गुरु आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी सुश्री नीतिका भारती जी ने बताया कि हर चीज के बीच उपहार में दिया जाने वाला पौधा सबसे बढ़िया होता है। इसी तरह वृक्षारोपण सबसे अच्छी गतिविधि है जो आप अपने खास अवसर पर कर सकते हैं। जब मनुष्य हरियाली से घिरा होता है तो वह हमेशा प्रकृति से जुड़ा हुआ महसूस करता है। वृक्षारोपण का सही अर्थ समझाते हुए उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण न केवल मिट्टी में पौधा रोपित करना है बल्कि कम से कम ५ वर्ष तक उसका संरक्षण एवं उपयुक्त मिट्टी से उसे अनुकूलित वातावरण देकर उस पौधे की वृद्धि एवं स्थिरता को सुनिश्चित करना ही वृक्षारोपण के कर्तव्य को संपन्न करता है। इसके महत्व को समझाते हुए कहा कि यदि कुदरत नहीं तो तरक्की भी नहीं हो सकती। विद्वानों का कहना है कि संसार की तरक्की सामाजिक, आर्थिक और कुदरती संतुलन के ऊपर टिकी हुई है। उद्योगीकरण के दौर के बाद मनुष्य केवल आर्थिकता के ऊपर ही ध्यान देने लग गया है और कुदरत को जैसे छोड़ ही दिया है। आज मनुष्य को अपने लालच से मुक्त होने और अपने जीवन शैली को बदलने की जरूरत है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज कुदरत के संरक्षण के लिए हमें प्लास्टिक से बनी हुई हर चीज को छोड़ना होगा। आज डॉक्टरी विज्ञान में साबित किया है कि प्लास्टिक कैंसर का खतरा बढ़ाता है और इससे पेट की बिमारियां भी बढ़ती हैं। अंत में उन्होंने संस्थान के संरक्षण प्रकल्प के बारे में बताते हुए कहा कि श्री आशुतोष महाराज जी की प्रेरणा तहत उनके अनेक ब्रह्मज्ञानी शिष्य आज पर्यावरण को सुरक्षित करने हेतु दृढ़ संकल्पित हैं। इसलिए हम सभी की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने जीवन शैली को बदलें और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अपने कदम बढ़ाए।