महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारती बोले, सनातन धर्म के मठ-मंदिरों को सरकार के कब्जे से किया जाये मुक्त Hindus Should Produce Children
रमेश पहाड़िया, ऊना:
Hindus Should Produce Children: हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के मुबारकपुर में संपन्न हुई तीन दिवसीय हिमाचल धर्म संसद के आखिरी दिन संतों ने सनातनी समाज को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने का धर्मादेश जारी किया। धर्म संसद में तीन दिन तक हिंदुओं की दुर्दशा पर गहन चिंतन किया गया। इस धर्म संसद में भारतवर्ष के हिंदुओं के विभिन्न पंथों एवं सामाजिक क्षेत्र के कार्यकर्ताओं हिस्सा लेकर चिंतन एवं मनन किया। धर्म संसद के समापन सत्र में महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारती की निर्देश पर धर्म आदेश जारी किया गया।
अपनी जनसंख्या को कम न होने दे सनातनी समाज Hindus Should Produce Children
उक्त जानकारी देते हुए धर्म संसद के संयोजक यति सत्यदेवानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि धर्मादेश में सनातनियों से आह्वान किया गया है कि सनातनी समाज अपनी जनसंख्या को कम न होने दे तथा ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करे। धर्मादेश में यह भी मांग की गई कि सनातन धर्म के मठ-मंदिरों को सरकार के कब्जे से मुक्त किया जाए एवं आजादी के बाद से अब तक मठ-मंदिरों की जितनी भी संपत्तियां सरकार अथवा अवैध कब्जे में है, उन सभी को सनातनी समाज को सौंपा जाए। सनातनी समाज अपने परिवार को सुरक्षा स्वयं करने के लिए सक्षम बने। उसके लिए आपस में, अपने समाज के साथ भाईचारा व सौहार्द बनाएं।
अपने पर हो रहे अत्याचारों से लड़कर जीना सीखे सनातनी समाज Hindus Should Produce Children
धर्म संसद के संयोजक यति सत्यदेवानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि धर्मादेश में आह्वान किया गया है कि सनातनी समाज को अपने पर हो रहे अत्याचारों से लड़कर जीना सीखे और अपनों के लिए खड़ा होना सीखे। साथ ही आपस में जातियों तथा संगठनों में बांटने की बजाए और अलग-अलग विषयों में बिखरने की जगह एक मत होकर अपने बच्चों को सुरक्षित भविष्य देने की ओर आगे बढ़े।
अपने आप को मजबूत बनाने के लिए शास्त्र ज्ञान के साथ-साथ शस्त्र भी रखे और उनको चलाना भी सीखे। उसके लिए जगह-जगह शस्त्र गुरुकुल परंपरा आरंभ करने की बात कही गई। इस अवसर पर धर्म संसद अध्यक्ष बाल बाबा योगी ज्ञान नाथ के साथ मामा हंदलेश्वर, श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर राम मोहन दास , स्वामी सागर गिरि महाराज, स्वामी नारद गिरी महाराज, स्वामी आत्मानंद अवधूत महाराज , शेव शून्य स्वामी, स्वामी बलदेव इत्यादि संत समाज उपस्थित रहे।