Hindu Navvarsh: पहले दिन, मां दुर्गा नहीं, भगवान गणेश जी की पूजा का है विधान

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Hindu Navvarsh: हिंदू नववर्ष के पहले दिन, मां दुर्गा नहीं, भगवान गणेश जी की पूजा का है विधान

Hindu New Year 2025, आज समाज डिजिटल डेस्क: सनातन धर्म में हिंदू नववर्ष भारतीय नववर्ष भी कहलाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,हिंदू नववर्ष का पहला पर्व चैत्र नवरात्र और गुड़ी पड़वा होता है। इस दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी और इसी दिन भगवान श्रीराम और धर्मराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी हुआ था। यहां हम आपको बता रहे हैं कि नववर्ष के पहले दिन किस देवी-देवता की पूजा करनी चाहिए और इससे क्या लाभ मिलता है।

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आमतौर पर पहले दिन दुर्गा पूजा को सही मानते हैं लोग

यह भी जरूरी है कि हिंदू नववर्ष के पहले दिन किसकी पूजा करनी चाहिए। लोग आमतौर पर मानते हैं कि चूंकि नववर्ष की शुरुआत नवरात्रि से होती है, इसलिए वर्ष के पहले दिन माता रानी या मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। हिंदू नववर्ष के प्रथम दिन एक विशेष पूजा का विधान है।

भगवान गणेश को कहा जाता है विघ्नहर्ता

नववर्ष के पहले दिन श्री गणेश जी की पूजा का विधान माना गया है। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश जी का पूजन जरूरी माना गया है। इसकी वजह यह है कि भगवान गणेश प्रथम पूज्य देव हैं। उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है। उनका पूजन करने से जीवन के सारे संकट व बाधाएं दूर हो जाती हैं।

धन का देवता भी माने जाते हैं भगवान गणेश

नववर्ष की शुरुआत में भगवान गणेश जी की पूजा करने से पूरे साल के लिए सुख-शांति व समृद्धि की प्रार्थना की जाती है। ऐसा करने से विद्यार्थियों को अच्छे परिणाम मिलते हैं और उनके मानसिक विकास में मदद मिलती है। गणेश जी को ज्ञान व बुद्धि का देवता भी माना जाता है। उनकी पूजा करने से ज्ञान, शिक्षा तथा बुद्धि में इजाफा होता है। गणेश जी को धन का देवता भी माना जाता है। आर्थिक समृद्धि लाने व धन की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए घर में गणपति की पूजा की जाती है।

दान करना व पवित्र नदी में स्नान माना जाता है शुभ

हिंदू नववर्ष का धार्मिक महत्व तो है ही। इसके साथ ही ज्योतिष शास्त्र में भी इसका विशेष स्थान है। और यह मुख्य रूप से दो कैलेंडरों- शक संवत और विक्रमी संवत पर आधारित होता है। दोनों कैलेंडर के वर्ष की शुरुआत एक ही दिन और महीने से होती है। हालांकि, शक संवत ग्रेगोरियन कैलेंडर से लगभग 78 वर्ष आगे है, जबकि विक्रमी संवत कैलेंडर 57 वर्ष पुराना है। इस कारण, विक्रमी संवत की तिथि जानने के लिए अंग्रेजी कैलेंडर के वर्ष में 57 जोड़ते हैं, जबकि शक संवत के लिए 78 घटाते हैं। ज्योतिष के मुताबिक हिंदू नववर्ष के पहले दिन दान आदि करने के अलावा पवित्र नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है।

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