Hindu Nav Varsh, आज समाज डेस्क: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है। नवरात्र में भक्त पूरे नौ दिन भव्य व श्रद्धा भाव से मां दूर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन चैत्र नवरात्र इसलिए भी खास हैं क्योंकि इसी महीने से हिंदुओं का नववर्ष शूरू होता है। हर कोई इस बात का कारण नहीं जानता होगा कि चैत्र माह से क्यों हिंदू नववर्ष आरंभ होता है। यहां हम आपको इसकी वजह बता रहे हैं।

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ब्रह्मा जी ने आरंभ  किया था सृष्टि की रचना का कार्य

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक चैत्र नवरात्र से ही सृष्टि की रचना करने वाले ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना का कार्य आरंभ किया था। देवी पुराण के अनुसार सृष्टि की रचना करने से पहले चौतरफा अंधकार था। देवी पुराण में बताया गया है कि सृष्टि की रचना के टाइम ही माता जगदंबा ने त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु व भगवान शिव की भी रचना की थी।

मां जगदंबा के आशीर्वाद से की सृष्टि की रचना

मां जगदंबा के ही आशीर्वाद से ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की और माता जगदंबा की ही कृपा से यह काम पूरा भी हुआ था। इसी वजह से सृष्टि की शुरुआत से 9 दिनों तक मां जगदंबा के नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती हैे।पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि चैत्र नवरात्र के पहले दिन ही माता जगदंबा ने ब्रह्मा जी को सृष्टि रचने की जिम्मेदारी सौंपा थी। मान्यताओं के अनुसार इसलिए इस दिन को सारे संसार की शुरुआत का दिन माना जाता है।

मां जगदंबा ने देवी-देवताओं को बांटे थे काम

चैत्र नवरात्र के पहले दिन ही मां जगदंबा ने देवी-देवताओं को काम बांटे थे। उसके बाद ही सभी ने अपना-अपना दायित्व संभाला था और सृष्टि संचालित करने के लिए मां जगदंबा से आशीर्वाद की मांग की थी। इसी कारण चैत्र नवरात्र से हिंदू नववर्ष की शुरूआत होती है। साल भर में 4 बार नवरात्र पड़ते हैं। इसमें दो गुप्त और दो प्रत्यक्ष नवरात्र शामिल हैं। पहली प्रत्यक्ष नवरात्रि चैत्र माह में पड़ती है।

प्रतिपदा तिथि का आरंभ 29 मार्च की शाम इतने बजे

हिंदू पंचाग के मुताबिक इस बार चैत्र नवरात्र की शुरुआत यानी प्रतिपदा तिथि का आरंभ आगामी 29 मार्च की शाम 4:27 मिनट पर हो जाएगा। वहीं तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12:49 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, इस साल चैत्र नवरात्र 30 मार्च से शुरु होंगे और इसी दिन से हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत हो जाएगी।

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