रमेश पहाड़िया, ऊना:
Hindu Daughters Not Safe in Homes: धर्म संसद में विशेष रूप से पहुंचे यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा है कि वह हिंदू धर्म के वफादार का किरदार निभा रहे हैं। नरसिंहानंद ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में हिंदू धर्म लगातार पतन की ओर जा रहा है। विडंबना यह है कि हिंदुस्तान में ही हिंदुओं के खिलाफ लगातार अपराध बढ़ रहे हैं। राजनीतिक दल तो इस पर चुप्पी साधे हुए बैठे हैं । इसके साथ-साथ अब धर्मगुरुओं ने भी इस पर आवाज उठाना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि सदियों से हिंदू धर्म में यह संस्कृति रही है कि परिवार की सुरक्षा के लिए कुत्ते घरों या गलियों में पाले जाते थे।
वर्तमान परिस्थितियों में हिंदू धर्म पर मंडरा रहा बड़ा खतरा Hindu Daughters Not Safe in Homes
जबकि खतरा होने पर यही कुत्ते न केवल चीख चिल्लाकर अपने मालिक को सजग करते हैं अपितु उनकी रक्षा में भी अपना पूरा दायित्व निर्वाह करते थे। नरसिंहानंद ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में हिंदू धर्म पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है और वह धर्म के वफादार होने का रोल निभाते हुए चीख चिल्लाकर हर खतरे से लोगों को आगाह मात्र कर रहे हैं। किंतु उनकी इसी जागरूकता अलग को विवादित बयानों का नाम देकर हिंदू धर्म की सुरक्षा को गौण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके बयान को सदैव विवादित करार देकर हिंदू समाज के उत्थान के लिए उठने वाली आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा जारी किया गया नोटिस केवल मात्र उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर एक संज्ञान है। दूसरी तरफ धर्म संसद के आयोजक यति सत्यदेवानंद सरस्वती ने कहा कि पुलिस द्वारा जारी किए गए नोटिस का जवाब दिया जा चुका है।
आने वाले समय में हिमाचल के हिंदुओं के साथ कश्मीरी पंडितों जैसा व्यवहार न होने पाए Hindu Daughters Not Safe in Homes
वहीं, हिंदुओं की बहू बेटियां घरों में ही सुरक्षित नहीं है। नरसिंहानंद सरस्वती ने दि कश्मीर फाइल का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाले समय में हिमाचल के हिंदुओं के साथ कश्मीरी पंडितों जैसा व्यवहार न होने पाए इसी के चलते वह समाज को जागृत करने का काम कर रहे हैं। धर्म संसद के पहले दिन के सभी सत्र संपन्न होने के बाद पुलिस ने धर्म संसद के आयोजक यति सत्यदेवानंद को नोटिस भेज किसी भी धर्म, समुदाय या जाति के विरुद्ध भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए है। उधर पुलिस अधीक्षक ऊना अर्जित सेन ने कहा कि धर्म संसद के संदर्भ में पुलिस को निगरानी के निर्देश मिले हैं, ताकि इस आयोजन में किसी प्रकार की असामाजिक गतिविधि या भड़काऊ भाषण आदि न होने पाए। अभी तक संबंधित आयोजन से पुलिस को किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं मिली है, लेकिन फिर भी पुलिस इस पर निगाह रखे हुए हैं।