शिक्षक दिवस पर हिंदी कविता

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best wishes for 2021 teachers day.

आज समाज डिजिटल, बिंदु गोयल :

हांँ मैं एक शिक्षक हूंँ
मैं ही हूंँ वहशिल्पकार,
जो कच्ची मिट्टी से मूर्ति बनाता हूंँ।
मैं ही हूंँ वह फनकार,
जो बेजान मूर्त में रंग भरता हूंँ।
मैं ही हूंँ वह सुत्र धार,
जो बचपन से निकाल भविष्य के सपने दिखलाता हूंँ।
मैं ही हूंँ वह जांबाज,
जो कच्ची डोरी से जहाज उड़ाता हूंँ।
मैं ही हूंँ वह इंसान,
जो गलत सही परखना सिखाता हूंँ।
मैं ही हूंँ जो प्रेरक बन,
बच्चों को आगे भेज खुद वहीं खड़ा मुस्कुराता हूंँ।
मैं ही हूंँ वह चित्रकार,
जो कोरे कागज पर चित्र बनाता हूंँ।
मैं ही हूंँ वह दीया,
जो घने अंधेरे में ज्ञान की रोशनी दिखाता हूंँ।
मैं ही हूंँ वह, जो चाहता हूंँ
हर बच्चा आत्मसात करे,
सब ना करें तो कुछ तो करें
इसी उम्मीद में जीता जाता हूंँ।
यदि आज कोई छूता है चांँद गगन को,
पहली सीढ़ी तो मैं ही बनता हूंँ।
यदि बने हो भव्य महल अनूठे,
नींव की ईंट तो मैं ही बनता हूंँ।
मैं ही हूंँ वह जो शिक्षा में
नए प्रयोग होते देख,
थोड़ा विचलित भी हो जाता हूंँ।
पर फिर मन में कुछ नया करने का संकल्प लें,
नया सीखना चाहता हूंँ, मैं नया सिखाता जाता हूंँ।