संजीव कोशिक, रोहतक:
हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमें अपना कामकाज अपनी मातृभाषा हिंदी में करना चाहिए। जिससे हिंदी को बढ़ावा मिल सके। हिंदी भाषा देश को जोड़ने वाली भाषा है। विदेशों में भी हिंदी भाषा को महत्व दिया जा रहा है। हमें अपनी मातृभाषा के प्रयोग करने पर गर्व करना चाहिए। उक्त विचार जाट कॉलेज के प्राचार्य डॉ. महेश कुमार ने व्यक्त किए। वे मंगलवार को हिंदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित प्राध्यापकों व विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी को राज भाषा का दर्जा दिया गया। तब से यह दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि विश्व के 150 विश्वविद्यालयों एवं सैकड़ों छोटे बड़े केंद्रों में हिंदी पढ़ाई जाती है।
मुख्य वक्ता अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. शबनम राठी ने कहा कि आज देश में हिंदी को दोयम दर्जे की भाषा माना जाता है इस कारण देश में बढ़ती पश्चिमी सभ्यता और संस्कृति का प्रभाव है क्योंकि आज हम इतने आधुनिक बनने का प्रयास कर रहे हैं कि अपनी मूल संस्कृति का विनाश करते जा रहे हैं। आधुनिकता को अपनाने के लिए मातृभाषा हिंदी को त्याग करना जरूरी नहीं है। क्योंकि चीन जैसे बड़े देशों ने भी अपनी मातृभाषा के बल पर काफी उन्नति की है। उन्होंने आधुनिक हिंदी के प्रचलन पर कविता के माध्यम से अपनी बात भी रखी।
हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ. कमलेश दलाल ने कहा कि आज का युग आधुनिक का युग बन गया है और हम सब यह कोशिश करते हैं कि सोशल मीडिया के माध्यम से सभी लोगों तक यह संदेश पहुंचा सके कि हिंदी भाषा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। इस दिन कई सेमिनार, हिंदी दिवस समारोह आदि कार्यक्रम का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि अन्य लोगों के साथ युवा पीढ़ी भी हिंदी भाषा से जुड़ी रहे।
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. जसमेर सिंह ने कहा कि हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी भाषा अब सरकारी क्षेत्र से बाहर निकलकर निजी क्षेत्र की जरूरत भी बनती जा रही है। सही मायनों में हिंदी पढ़े। समझने और इस क्षेत्र में करियर बनाने का बाजार विकसित हो रहा है। हिंदी अनुवादक, समाचार वाचक, हिंदी पत्रकारिता, कहानी लेखन जैसे क्षेत्र नौजवानों को उज्जवल भविष्य के लिए आकर्षित कर सकते है।
कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. रितु रानी ने किया।
इस अवसर पर डॉ. दिलबाग कादियान, डॉ. शबनम राठी, डॉ. कमलेश दलाल, डॉ. रितु रानी, डॉ. सरोज बाला, डॉ. सरोज नारा, डॉ. रामिंद्र हुड्डा, डॉ. गीतांजलि, डॉ. मीनल मलिक, डॉ. कांता राठी, डॉ. मनीषा दहिया सहित सभी शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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