नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
आधुनिक युग सूचना तकनीक का युग है और इसमें प्रगति के लिए आवश्यक है कि तकनीक विकास के स्तर पर जारी बदलावों को आत्मसात किया जाए। शिक्षा के क्षेत्र की बात करें, तो अध्ययन, अध्यापन से लेकर भाषा के विकास तक सभी स्तर पर सूचना तकनीकी का प्रयोग आवश्यक हो गया है। जहां तक हम बात हिंदी भाषा की करते हैं तो यह हमारी राजभाषा है, और इसके प्रचार-प्रसार हेतु प्रयास करना हमारा कर्त्तव्य है। इस प्रयास में तकनीकि टूल्स की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान विशेष रूप से किया गया है। जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को उनकी भाषा में शिक्षा प्रदान करना है। ऐसे में हमारा कर्त्तव्य है कि हम भाषा को स्वीकार करें और ज्ञान प्राप्त करने में भाषा की बाध्यता समाप्त हो। हिंदी की बात करें तो अवश्य ही इस कार्यशाला में मिले प्रशिक्षण का लाभ हिंदी के प्रयोग में देखने को मिलेगा। यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने विश्वविद्यालय में आयोजित आनलाइन कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों, शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस आनलाइन कार्यशाला में विशेषज्ञ के रूप में माइक्रोसाफ्ट भारत में निदेशक स्थानीय भाषाएं एवं सुगम्यता डा. बालेंदु दाधीच उपस्थित रहे।
इससे पूर्व कार्यशाला की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता तथा हिंदी प्रोत्साहन समिति के संयोजक प्रो. दिनेश कुमार गुप्ता ने कुलपति का परिचय प्रस्तुत किया तथा शिक्षा पीठ के अधिष्ठाता डा. प्रमोद कुमार ने विशेषज्ञ का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित डा. बालेंदु शर्मा दाधीच ने कहा कि तकनीक स्तर पर हिंदी भाषा में कार्य करना अब आसान हो गया है। डा. दाधीच ने प्रतिभागियों को हिंदी फांट का उपयोग, हिंदी टाइपिंग के लिए की-बोर्ड का प्रयोग, आनलाइन स्पीच, स्पीच टाइपिंग, वाक्य आधारित जांच संबंधी टूल्स आदि के बारे में प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी दी और बताया कि हम किस तरह से इन टूल्स का उपयोग करके सहज रूप से कम्प्यूटर पर हिंदी में कार्य कर सकते हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के हिंदी अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि किस तरह से हम राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में बेहतर ढ़ंग से काम कर सकते हैं। विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डा. सिद्धार्थ शंकर राय ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और कार्यक्रम का संचालन हिंदी अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों सहित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, महेंद्रगढ़ के सदस्य कार्यालयों के प्रतिभागी आनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।
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