राजधानी शिमला में जमकर बरसे मेघ भूस्खलन और मलबा आने से कई गाड़ियां दबी
Himachal Weather | लोकिन्दर बेक्टा, शिमला। हिमाचल प्रदेश में दक्षिण पश्चिम मानसून ने प्रवेश करते ही तबाही मचाना शुरू कर दिया है। मानसून की पहली ही बारिश ने ही राजधानी शिमला में व आस-पास भूस्खलन, मलबा आने से व्यापक नुकसान हुआ है। यहां पर आधा दर्जन से अधिक गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है।
शिमला शहर के मल्याणा, चमयाना, भट्ठाकुफर, मिनी कुफ्टाधार सहित अन्य स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है। चमयाना में नाले के पास खड़ी तीन गाड़ियां मलबे में दब गईं। वहीं मल्याणा में पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क किनारे पार्क चार गाड़ियों पर गिर गईं। इससे दो गाड़ियां चकनाचूर हो गईं।
भट्टाकुफर में भूस्खलन से सड़क किनारे पार्क एक कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मिनी कुफ्टाधार का रास्ता मलबा आने से नाले में तब्दील हो गया। इस बीच, शहर की ईदगाह कॉलोनी में भी नुकसान हुआ है। वहां डंगा गिरने से रास्ता बंद हो गया है। पगोग सड़क पर आए पत्थर और मलबा आने से आवाजाही प्रभावित रही। वहीं, जुन्गा रोड पर बारिश का पानी घरों में घुस गया। खलीनी में भी भूस्खलन हुआ है।
उधर, जिला साेलन के कुनिहार-नालागढ़ मार्ग देर रात हुई भारी बारिश से बंद हो गया। गंबर पुल के पास एक बार फिर काफी मात्रा में मलबा आया है। इससे पुल को भी खतरा हो गया है। कुछ दिन पहले यहीं पर भारी मलबा आने से भारी नुकसान हुआ था। लोक निर्माण विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सड़क को खोलने का काम जारी है।
प्रदेश में एक ही बारिश से 31 लाख रुपए का नुकसान आंका गया है।
भारी बरसात के कारण ऊना में एक लेबर शैड ढह गया है, जबकि शिमला में एक कच्चा मकान ढह गया है। इसमें किसी तरह के जानी नुकसान की काेई जानकारी नहीं है। बारिश के कारण कुल्लू और कांगड़ा में एक एक सड़क यातायात की आवाजाही के लिए बंद है। चंबा जिले में बिजली के दाे ट्रांसफार्मर ठप है।
खड़ामुख-होली मार्ग पर सुहागा नामक स्थान के समीप सुबह करीब सात बजे भूस्खलन हो गया। इसके चलते वाहनों की आवाजाही थम गई। इस दौरान एक ट्रक गुजर रहा था। गनीमत यह रही कि ज्यादा मलबा ना गिरा। मामले की सूचना मिलते ही लोक निर्माण विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग को बहाल किया। इसके बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हुई।
जुब्बडहट्टी में सबसे ज्यादा 136 मिमी. और राजधानी शिमला में 84 मिमी. बारिश रिकार्ड
बीती रात काे प्रदेश के कई इलाकों में जाेरदार बारिश हुई। शिमला के जुब्बड़हट्टी में सबसे ज्यादा 136.मिमी. बारिश दर्ज की गई। वहीं, शिमला 84 मिमी. गोहर 42, मशोबरा 38, सलापड़ 34, कुफरी 24.2, बिलासपुर 22, घागस 18.8, करसोग 18.2, काहू 16 और पंडाेह में 12 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
देर रात हुई बारिश से गिरी नदी में भी गाद आ गई। इससे राजधानी शिमला को पेयजल आपूर्ति घटी है। हालांकि ग्रामीण इलाकों में सूखे से बंद पड़ी पेयजल योजनाओं फिर से रिचार्ज हाे गए हैं। भारी बारिश के बावजूद प्रदेश में अभी भी सामान्य से 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है। प्रदेश में अभी तक 45 मिमी. बारिश हुई है।
अगले सात दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले सात दिनाें तक प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, अगले 48 घंटे प्रदेश में काफी भारी रहने वाले है। माैसम विभाग ने 7 जिलाें में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
इस दाैरान , चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन जिलों में कुछेक स्थानों पर बहुत से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। यहां पर एक घंटे के भीतर 115 मिमी. से ज्यादा बारिश दर्ज की जा सकती है, जाे नुकसान का कारण भी बन सकती है।
माैसम विभाग ने जारी की एडवाइजरी
मौसम विभाग ने खाराब माैसम की इस स्थिति काे देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने लाेगाें काे जरूरी काम हाेने पर ही घर से निकलने की सलाह दी है। इस बीच, भूस्खलन वाले क्षेत्र और नदी नालाें के करीब न जाने जाने काे कहा गया है। साथ ही एचआरटीसी चालकों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश के प्रमुख शहराें के तापमान पर एक नजर
शहर अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस)