Aaj Samaj (आज समाज), Himachal Politics Update, शिमला: हिमाचल प्रदेश में तीन दिन से जारी सियासी घमासान खत्म होने के बाद सुक्खू सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस के छह बागी विधायकों के साथ चंडीगढ़ में मुलाकात की है। गुरुवार को पर्यवेक्षकों के साथ मीटिंग हुई थी और बताया गया कि बैठक में सुखविंद्र सिंह सुक्खू के ही सीएम बने रहने पर सहमति बनी है। लेकिन बागियों से मुलाकात के बाद विक्रमादित्य ने इन चचार्ओं को और हवा दे दी है कि अभी प्रदेश में सब कुछ ठीक नहीं है। विक्रमादित्य अब दिल्ली में हाईकमान से मिलेंगे।
- विक्रमादित्य ने वापस ले लिया है इस्तीफा
सुक्खू पर संकट का यह है कारण
बता दें कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट बीजेपी की झोली में गई है और इसी वजह से राज्य की सियासत गरमाई है। गुरुवार को शिमला में सीएम आवास में आयोजित मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पार्टी के पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार व भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सुक्खू ही मुख्यमंत्री पद पर रहेंगे और कांग्रेस सरकार पांच साल तक चलेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मंत्री विक्रमादित्य सिंह, प्रतिभा सिंह सहित मंत्री भी मौजूद रहे। पर्यवेक्षकों ने बताया कि मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है।
बागी विधायक अयोग्य घोषित
राजनीतिक घमासान के बीच हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार सुबह विधानसभा से कांग्रेस के सभी छह बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। इन बागी विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, देवेंद्र कुमार भुट्टो, इंद्रदत्त लखनपाल और चैतन्य शर्मा शामिल हैं। इन पर राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार को जिताने के आरोप हैं।
सीएम सुक्खू ने दिए थे बागियों की वापसी के संकेत
सीएम सुक्खू ने बीते कल ‘ओक ओवर’ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में संकेत दिए थे कि बागियों की पार्टी में वापसी हो सकती है। उन्होंने कहा था कि सभी अपने छोटे भाई हैं और कुछ तो बड़े भी हैं। बागियों की गलती माफ की जा सकती है। सीएम ने कहा, दो विधायकों की पत्नियां मुझसे मिलने आई थी। हालांकि, इस बीच सीएम की बात को बीच में हुड्डा और डीके शिवकुमार ने काट दिया था।
बागियों की नाराजगी को प्रतिभा सिंह ने बताया है जायज
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने बागियों का समर्थन करते हुए कहा था कि जल्दबाजी में फैसला हुआ है। जब पूछा गया कि छह बागी कांग्रेसियों के विधायिकी के निष्कासन के फैसले लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा तो उन्होंने कहा कि बिलकुल असर पड़ेगा। जब आपको एक साल से अधिक का समय हो गया है और आप उनकी बात नहीं सुन रहे। उनका नाराज होना जायज सी बात है। उनको बिठाते और बातचीत करते तो कोई सॉल्युशन निकालते तो आज यह हालात पैदा नहीं होते।
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