Himachal News : शिमला। मुख्यमंत्री (Chief Minister) सुखविंद्र सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने आज संसद (Parliament) में केंद्रीय वित्त मंत्री (Union Finance Minister) निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट-2024 (Union Budget-2024) पर निराशा व्यक्त करते हुए इसे असमानतापूर्ण बजट करार दिया है।
उन्होंने चिंता के कई प्रमुख क्षेत्रों पर प्रकाश डाला और राज्य की व्यापक जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तत्काल संशोधन का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट एक बार फिर देश के ज्वलंत मुद्दों, विशेषकर बेरोजगारी, गरीबी और बढ़ती कीमतों को संबोधित करने में विफल रहा है।
हालांकि राज्यों को ब्याज मुक्त ऋण के लिए मौजूदा आवंटन 1.3 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1.5 लाख करोड़ रुपए करना स्वागत योग्य घोषणा है लेकिन लागत अक्षमताओं के कारण इसके साथ जुड़ी कठिन शर्तें हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों के पक्ष में नहीं हैं।
सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हालांकि बजट अभिभाषण में हिमाचल प्रदेश में पिछले साल मानसून के दौरान हुए भारी नुकसान के कारण पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए प्रदेश को बहुपक्षीय विकास सहायता के माध्यम से वित्तीय सहायता का उल्लेख किया गया है, लेकिन दी जाने वाली सटीक राशि के बारे में कोई उल्लेख नहीं है।
हमें उम्मीद थी कि हिमाचल को भी असम, सिक्किम और उत्तराखंड की तर्ज पर सीधी सहायता दी जाएगी। राज्य को आशा है कि हिमाचल को यह सहायता केंद्र सरकार के पास लंबित 9042.66 करोड़ रुपए के PDNA दावों के अतिरिक्त होगी। उन्होंने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सेब उत्पादक गंभीर वित्तीय बाधाओं का सामना कर रहे हैं।
बजट में उनके संघर्षों को कम करने या सेब पर आयात शुल्क कम करने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है जो हिमाचल के सेब उत्पादकों को जरूरी राहत प्रदान कर सकता था। उन्होंने कहा कि यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में रेल नेटवर्क के विस्तार के मुद्दे को संबोधित करने में यह बजट विफल रहा है।
आर्थिक विकास के लिए मजबूत रेल नेटवर्क आवश्यक है, फिर भी इसे बार-बार नजरअंदाज किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि GST मुआवजे की समाप्ति ने हिमाचल प्रदेश को एक अनिश्चित वित्तीय स्थिति में डाल दिया है। इसके कारण हो रहे वार्षिक घाटे को हमारा राज्य बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
इस नुकसान को कम करने और राज्य की राजकोषीय स्थिरता का समर्थन करने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश की तर्ज पर एक विशेष वित्तीय पैकेज की तत्काल आवश्यकता है। बजट में इस तरह के पैकेज का अभाव एक महत्वपूर्ण झटका है। Himachal News
यह अवसरवादी बजट Himachal News
सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा के यह गरीब विरोधी बजट है और भविष्योन्मुखी नहीं है। यह पूरी तरह अवसरवादी बजट है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए खास तौर पर आयकर स्लैब और छूट के मामले में पर्याप्त कर राहत की उम्मीद थी लेकिन बजट इन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा जिससे मध्यम वर्ग के करदाताओं में निराशा है।
उन्होंने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र के मुद्दों जैसे अपर्याप्त समर्थन मूल्य और आधुनिक कृषि पद्धतियों व बुनियादी ढांचे के लिए अपर्याप्त धन को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण उपायों का भी अभाव है। केंद्रीय बजट-2024 भारत की जरूरत के हिसाब से समावेशी और सहायक वित्तीय योजना नहीं बन पाया है। यह बेरोजगारी, बढ़ती कीमतों और बढ़ती असमानता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने में विफल रहा है।
सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कई अन्य राज्यों की तरह एक ऐसे बजट के परिणामों से जूझ रहा है जो आम लोगों की तुलना में अमीरों को प्राथमिकता देता है। यह एक ऐसे बजट के लिए सही समय है जो वास्तव में सभी नागरिकों की जरूरतों और आकांक्षाओं को दशार्ता है और समाज के हर वर्ग के लिए समान विकास और समृद्धि सुनिश्चित करता है। Himachal News
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