Himachal News : काजा। पर्यटन एवं धार्मिक स्थल काजा (kaza) में आयोजित ला-दारचा मेले (La-Darcha fair) में जाइका वानिकी परियोजना (Jaika Forestry Project) के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार प्राकृतिक उत्पादों की खुशबू महकने लगी। 3 दिन चलने वाले इस मेले में प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए जाइका वानिकी परियोजना के 3 स्टाल लगाए गए जिसमें स्पीति की पारंपरिक गर्म वस्त्र, छरमा (Charma) की चाय, छरमा का जूस, गलीचा, सूखे सेब समेत अन्य प्राकृतिक उत्पाद प्रमुख हैं।
यहां पहुंचे सैलानियों से लेकर स्थानीय लोगों के लिए प्राकृतिक उत्पाद उनकी पहली पसंद बन गई। मेले के पहले दिन लाहौल-स्पीति (Lahaul-Spiti) की विधायक अनुराधा राणा (anuradha rana) जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के स्टाल पर पहुंची जहां पर उन्होंने उत्पादों की तारीफ की। उन्होंने क्षेत्र के लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए जाइका वानिकी परियोजना के प्रयासों की सराहना की।
अनुराधा राणा ने निकलम स्वयं सहायता समूह डंखर द्वारा तैयार किए पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ भी उठाया। जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े निकलम स्वयं सहायता समूह डंखर, यातो जोम्सा सवयं सहायता समूह देमुल, किथलिंग स्वयं सहायता समूह क्यूलिंग, जोम्सा स्वयं सहायता समूह क्यूलिंग और सेमथुन स्वयं सहायता समूह लंगजा द्वारा निर्मित विभिन्न प्रकार के उत्पादों की अच्छी ब्रिकी हो रही है।
इस अवसर पर वन मंडलाधिकारी वण्य प्राणी स्पीति मंदार उमेश जेवरे, सहायक अरण्यपाल चमन लाल ठाकुर, वन रक्षक कमल किशोर, विषय वस्तु विशेषज्ञ आशुतोष पाठक, क्षेत्रीय तकनीकी इकाई समन्वयक ताबो छोड़न बौद्ध, क्षेत्रीय तकनीकी इकाई समन्वयक काजा मीनाक्षी बौद्ध समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। Himachal News
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