- सीएम बोले- विपक्ष के हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है सरकार
लोकिन्दर बेक्टा। शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच 5 दिनों से चल रहा गतिरोध मंगलवार को खत्म हो गया। गतिरोध मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की इस घोषणा के साथ खत्म हुआ कि सरकार, विपक्ष द्वारा लाए गए हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और इसमें नियम-67 के तहत प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लेकर काम रोको प्रस्ताव भी शामिल है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। इसलिए विपक्ष सत्र को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करे। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को काफी अधिक समय दिया है। उन्होंने कहा कि सदन नियमों से चलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर विपक्ष सही ढंग से अपने मुद्दे उठाता तो गतिरोध ही नहीं बनता।
इससे पूर्व, मंगलवार सुबह सदन की बैठक आरंभ होते ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्वाइंट आफ आर्डर के माध्यम से सरकार और विपक्ष के बीच चल रहे गतिरोध का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष बीते रोज प्रदेश की गंभीर होती जा रही आर्थिक स्थिति को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया था, लेकिन इस पर बोलने की इजाजत ही नहीं दी गई। यह नहीं, विपक्ष कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन व पेंशन न मिलने का मामला भी चर्चा में लाने के लिए तैयार था।
जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष को विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। लेकिन चुनाव के दौरान उनके द्वारा कहे गए कुछ शब्दों से विपक्ष के सदस्यों की भावनाएं आहत हुई है और वह इस पर अध्यक्ष से स्पष्टीकरण चाहते हैं। इसी के चलते विपक्ष ने अध्यक्ष के खिलाफ विधानसभा सचिव को नियम-274 के तहत अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी दिया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मीडिया में विपक्ष को बुरा भला करने पर भी नाराजगी जताई। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार चाहती है कि सदन सुचारू रूप से चले। इसलिए सरकार ने अबतक का सबसे लंबा मानसून सत्र रखा।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बीते रोज नियम-67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का जिक्र नहीं किया। यही नहीं विपिन सिंह परमार ने भी सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष को लेकर ही अपनी बात रखी। उन्होंने विपक्ष के एजेंडे को तरजीह न देने के जयराम ठाकुर के आरोपों को भी नकारा और कहा कि नियम-61, 62 और 63 के तहत 10 में से आठ मुद्दे विपक्ष के सदस्यों से संबंधित है।
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। रणधीर शर्मा ने कहा कि उन्होंने बीते रोज तीन बार नियम-67 के तहत प्रदेश की आर्थिक स्थिति का मुद्दा उठाना चाहा लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आरोप लगाए कि विपक्ष नियम-67 के तहत मामला उठाने के लिए गंभीर नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार सदस्यों का शब्दों पर नियंत्रण नहीं रहता, लेकिन विपक्ष को ज्यादा नहीं रूठना चाहिए।
विपिन सिंह परमार ने कहा कि सारा का मामला भाजपा विधायकों की भावनाओं के आहत होने का है। अगर कल ही इस मुद्दे पर बहस हो जाती तो मामला कल की खत्म हो जाता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के आर्थिक संकट को लेकर बार-बार लोगों को गुमराह कर रही है।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि कुलदीप सिंह पठानिया अपने ही मिजाज के अध्यक्ष है और यह बात पूरे देश को पता लग चुकी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इसी बात को लेकर स्पष्ट नहीं है कि उसे सरकार के साथ लड़ना है या स्पीकर के साथ। भाजपा विधायक सत्तपाल सिंह सत्ती ने कहा कि सत्ता पक्ष में कुछ लोग ऐसे हैं जो सदन को सुचारू रूप से नहीं चलने देना चाहते।
निष्पक्ष रहा है मेरा आचरण: कुलदीप पठानिया Himachal News
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विधानसभा के अब तक हुए छह सत्रों के दौरान उनका आचरण पूरी तरह से निष्पक्ष रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका सबसे अहम है। इसलिए वह खासकर नेता प्रतिपक्ष को ज्यादा समय देते हैं।
पठानिया ने कहा कि वह लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं और वह सभी को विश्वास में लेकर सदन चलाते हैं। विधानसभ अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने सदन के भीतर कोई गलत व्यवहार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि चुनावों में शब्दों का प्रयोग राजनैतिक लाभ लेने के लिए होता है और संभवत: उन्होंने भी उप चुनावों में पार्टी कार्यकतार्ओं का मनोबल बढ़ाने के लिए कोई टिप्पणी की होगी। क्योंकि उस समय हालात ऐसे थे कि सरकार एक साल में ही गिरने वाली है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर विपक्ष चाहता है तो विधानसभा से बाहर प्रैस वार्ता कर उन शब्दों के बारे में भी स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह साबित नहीं करना है कि वह ठीक है और न ही वह यह चाहते हैं कि सामने वाला साबित करे की वह ठीक है। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव का विपक्ष का नोटिस नियमों के तहत नहीं था। इसलिए उसे रद्द कर दिया गया।
पत्नी का नाम लेकर तो न डराओ: सुक्खू Himachal News
देहरा से कांग्रेस विधायक कमलेश ठाकुर आज पहली बार सदन पहुंची। उनका जिक्र होते ही सदन में ठहाके भी लग गए। सदन में प्रश्नकाल से पहले सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच गतिरोध को दूर करने के लिए जद्दोजहद चल रही थी, उसी समय भाजपा विधायक सतपाल सत्ती ने कहा सदन में कुछ लोग हैं जो नहीं चाहते कि सदन ठीक से चले। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को संभल जाना चाहिए।
सत्ती ने मजाकिया अंदाज में कहा कि सदन में आज भाभी जी भी आई है और अगर भाभी जी के सामने हम कुछ कहेंगे, आपको बुरा लगेगा। भाभी जी, आपको ही कहेंगी कि वह सदन में नहीं आएंगी, क्योंकि आप की तो सदन में झंड ही बहुत होती हैं। महिला विधायक सदन में पहली बार आई है और पहली बार लड़ना अच्छा नहीं लगता। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कांग्रेस विधायक कमलेश ठाकुर का स्वागत किया।
सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच पिछले दिनों से चली आ रही तनातनी को दूर करने के लिए चल रही बहस का जवाब देने के लिए जब मुख्यमंत्री सुक्खू उठे तो उन्होंने कहा कि पत्नी का नाम लेकर डराने की कोशिश तो न करें। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने भी कह दिया आप डरते भी हैं। इस पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आप पत्नी से डरते हैं, ऐसा आभास नहीं था। इस पर सदन में ठहाके लग गए। Himachal News
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