Himachal News : शल्य चिकित्सकों ने दोनों जबड़ों की सफलतापूर्वक रिप्लेसमेंट की

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Himachal News : शल्य चिकित्सकों ने दोनों जबड़ों की सफलतापूर्वक रिप्लेसमेंट की
Himachal News : शल्य चिकित्सकों ने दोनों जबड़ों की सफलतापूर्वक रिप्लेसमेंट की

Himachal News : शिमला। एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करते हुए हिमाचल प्रदेश राजकीय दंत महाविद्यालय, शिमला (Himachal Pradesh Government Dental College, Shimla) के शल्य चिकित्सकों (Surgeons) ने पहली बार द्विपक्षीय संपूर्ण टेंपोरोमैंडिबुलर जोड़ रिप्लेसमेंट सर्जरी (Bilateral total temporomandibular joint replacement surgery) सफलतापूर्वक की है।

यह ऐतिहासिक रिप्लेसमेंट सर्जरी राज्य में पहली बार की गई जो मैक्सिलोफेशियल सर्जरी (Maxillofacial Surgery) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। दोनों जबड़ों की यह रिप्लासेंट सर्जरी लखनऊ निवासी 22 वर्षीय मरीज के लिए जीवन बदलने वाला अनुभव है, जो 8 वर्षों से अपना मुंह खोलने, खाना खाने या ठीक से बोलने में असमर्थ था क्योंकि वह टीएमजे एंकिलोसिस (TMJ Ankylosis) नामक इस दुर्लभ बीमारी (rare disease) से पीड़ित था। इस मरीज की पहले ही जबड़े की 2 बड़ी सर्जरी हो चुकी थी।

10 घंटे की लंबी सर्जरी में जुड़े हुए जोड़ को बदला गया और दोनों तरफ स्वदेशी रोगी विशिष्ट जोड़ को एक साथ जोड़ा गया, जो रोगी के लिए चमत्कारी साबित हुआ और अब रोगी अपना मुंह 3 सेंटीमीटर तक खोल सकता है। साथ ही, रोगी ने अब बिना किसी कठिनाई के खाना और बोलना शुरू कर दिया है।

सर्जरी की योजना बहुत ही सावधानी से बनाई गई। डॉ. रंगीला राम, डॉ. मोनिका परमार, डॉ. नरोत्तम घेज्टा, डॉ. विवेक कौशल, पीजी के डॉ. सारांश गुलेरिया, डॉ. विशाखा शर्मा ओटीए कृतिका और सिस्टर रिम्मी के सहयोग से अत्यधिक कुशल सर्जनों की एक टीम द्वारा अंजाम दी गई।

डॉ. योगेश भारद्वाज के मार्गदर्शन में एचपीजीडीसी शिमला (HPGDC Shimla) के ओरल (oral) और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग ने टीएमजे टीजेआर सर्जरी (TMJ TJR Surgery) की। इसमें टेंपोरोमैंडिबुलर जोड़ को एक विशेष रूप से निर्मित प्रोस्थेटिक (Prosthetic) से बदलना शामिल है जिससे रोगी को बिना दर्द के चबाने, बोलने और जबड़े को हिलाने की क्षमता बहाल हो जाती है।

यह प्रक्रिया घुटने या कूल्हे के रिप्लेसमेंट (knee or hip replacement) के समान है लेकिन सर्जरी के लिए सटीकता, धैर्य और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है क्योंकि जबड़े का जोड़ एक छोटा और जटिल जोड़ होता है जो खोपड़ी के आधार, कान और चेहरे जैसे महत्वपूर्ण अंगों के करीब स्थित होता है जिससे सर्जरी नाजुक हो जाती है और इसकी सफलता डेंटल कॉलेज शिमला की सर्जिकल टीम की असाधारण क्षमताओं का प्रमाण है।

सर्जरी टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. रंगीला राम ने कहा कि इस सर्जरी का सफल समापन न केवल डेंटल कॉलेज शिमला के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि जटिल टीएमजे विकारों से पीड़ित रोगियों के लिए नई उम्मीद भी लेकर आया है। यह उन्नत शल्य प्रक्रिया उन रोगियों के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता प्रदान करती है जिन्होंने अन्य सभी उपचार विकल्पों को समाप्त कर दिया है।

डेंटल कॉलेज शिमला (Dental College Shimla) में सफल टीएमजे टीजेआर सर्जरी स्वास्थ्य सेवा नवाचार में महत्वपूर्ण कदम है जिसने संस्थान को भारत में मैक्सिलोफेशियल सर्जरी में अग्रणी संस्थान की कतार में खड़ा कर दिया है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि चिकित्सा देखभाल को आगे बढ़ाने और रोगी परिणामों में सुधार करने के लिए डेंटल कॉलेज शिमला के समर्पण को भी दर्शाती है। Himachal News

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