Himachal News : पालमपुर। पालमपुर (palampur) उपमंडल के अंतर्गत दरंग (darang), धोरण (dhoran), घणैटा (Ghaneta) सहित आसपास की पंचायतों के लोगों ने दरंग के पास अंग्रेजों के समय के 300 कनाल से अधिक एक चाय बगीचे (Tea Garden) को उखाड़ने व हरे पेड़ों को काटने के विरोध में धरना प्रदर्शन किया।
लोगों ने एकजुट होकर यह बागीचा उखाड़ने व पेड़ काटने वाली धार्मिक संस्था के विरुद्ध धरना प्रदर्शन भी किया। लोगों ने कहा कि यह बगीचा ऐतिहासिक है।
करीब 150 साल पुराना यह चाय बागान400 से 700 कनाल जमीन पर स्थित है और यहां पर अंग्रेजों के समय से गांव के लोग मेहनत-मजदूरी कर अपना पालन-पोषण कर रहे हैं लेकिन परौर (Paraur) में एक धार्मिक संस्था ने इस बगीचे को खरीद लिया व यहां से हरे पेड़ों व चाय के पेड़ों को उखाड़ दिया जिससे ग्रामीण बहुत ही नाराज हो गये।
इस के बारे में ग्रामीणों ने कहा कि हालांकि संस्था की मैनेजिंग कमेटी को उन्होंने ज्ञापन दिया था जिस पर उनकी सहमति बनी थी कि किसी भी पेड़ या चाय पेड़ को नहीं उखाड़ा जाएगा लेकिन इसके बावजूद यहां पर पिछले कुछ दिनों से चाय बागान को उखाड़ने व हरे पेड़ों को काटने का कार्य जोरों से है।
उधर लोगों का यह भी कहना है कि जहां सरकार पेड़ लगाने पर जोर दे रही है, कई योजनाएं पौधारोपण को लेकर चलाई जा रही हैं जिसमें करोड़ों रुपए खर्च किये जा रहे हैं। वहीं पर इस संस्था द्वारा हरे पेड़ों को काटा जा रहा है, उखाड़ा जा रहा है। कई पेड़ों को जला दिया गया है, जिससे लोगों में भारी रोष है।
लोगों का यह भी कहना है कि वे इस सारे मामले पर जनहित याचिका दायर करने जा रहे हैं। वहीं उस संस्था की ऐसी जनविरोधी गतिविधियों को यहां पर नहीं चलने दिया जाएगा।
इस मौके पर एकत्रित भीड़ ने साफ तौर पर ऐलान कर दिया है कि अगर इस तरह पेड़ों को काटना बंद नहीं किया जाता है, तो वे आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे व संस्था के किसी भी सदस्य को यहां गांव में नहीं घुसने देंगे।
यहां तक कि लोगों ने कहा गत समागम के दौरान भी सारी खड्ड में गंदगी आने से मछलियां मर गई थीं, चारों ओर गंदगी का आलम रहा था।
धोरण के प्रधान सुखदेव, प्रीतम चन्द, घणैटा की महिला प्रधान सीमा व दरंग की प्रधान इंदु गुलेरिया ने कहा इस सारे मामले बारे वन विभाग (Forest department) व पर्यावरण मंत्रालय (Ministry of Environment) को लिखित शिकायत की है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाई नहीं हुई।
सोमवार को उपमण्डल अधिकारी नागरिक पालमपुर (Sub Divisional Officer Civil Palampur) को भी उनका प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन सौंपेगा। सुखदेव ने कहा कि एनजीटी (NGT) को मेल (Email) के माध्यम से भी शिकायत भेजी गई है।
उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह गांवों के बीच रोजगार के साधनों को छीना जाता रहा तो आने वाले समय मे डेरे का कोई कार्यक्रम यहां नहीं करने दिया जाएगा। उधर मौके पर उपस्थित संस्था के प्रतिनिधियों व एरिया सेक्रेटरी ने कहा कि यह बगीचा संस्था ने खरीद लिया है। रजिस्ट्री हुई है।
उन्होंने कहा कि इसमें जो भी कार्यवाही की जा रही है, वह पेड़ों को काटने के लिए नहीं, मात्र कुछ चाय के पेड़ों को संवारने के लिए यह कटिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोई रास्ता, कूहल बन्द नहीं की जाएगी। Himachal News
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