Himachal News : शिमला। उपायुक्त (Deputy Commissioner) शिमला (shimla) अनुपम कश्यप (Anupam Kashyap) की अध्यक्षता में जिले में स्थापित विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं (Hydropower Projects) के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई।
बैठक में परियोजनाओं से प्रभावित लोगों एवं ग्राम पंचायतों से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। DC ने कहा कि जिला शिमला में इस समय 23 जल विद्युत परियोजनाएं क्रियाशील है तथा इसके अतिरिक्त अन्य कुछ परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
DC ने जिले में क्रियाशील जल विद्युत परियोजनाओं से स्थानीय लोगों की मांग के अनुरूप कार्य करने का आग्रह किया ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। DC ने सभी परियोजनाओं से स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण (Local Area Development Authority, LADA) के अंतर्गत जमा होने वाली राशि का जायजा लिया।
DC ने कहा कि जल विद्युत परियोजना की कुल लागत का डेढ़ प्रतिशत हिस्सा LADA को उपलब्ध करवाना पड़ता है ताकि प्रभावित क्षेत्र का विकास सुनिश्चित किया जा सके। DC ने कहा कि अधिकतर जल विद्युत परियोजनाओं से LADA के अंतर्गत जमा होने वाली कुछ राशि सरकार को जमा नहीं की गई है। DC ने इस पैसे को जल्द से जल्द जमा करने का आग्रह किया ताकि क्षेत्र के विकास में उसका प्रयोग किया जा सके।
DC ने कहा कि बहुत सी परियोजनाओं ने LADA के पैसों को सम्बंधित उपमण्डलाधिकारियों को जामा किया हुआ है। DC ने सभी उपमण्डलाधिकारियों को इस पैसे को जिला कार्यालय में जमा करने को कहा। इसके अतिरिक्त LADA का पैसा किसी अन्य कार्य के प्रयोग में नहीं लाया जा सकता।
LADA का पैसा नियमों के अंतर्गत सरकार को ही जमा करना होगा। DC ने कहा कि इसके अतिरिक्त जल विधुत परियोजनाओं द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में 10 साल तक 100 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध करवाने का भी प्रावधान है। यदि किसी भी परियोजना द्वारा मुफ्त बिजली लोगों को नहीं दी जा रही है तो लोगों को मुफ्त बिजली उपलब्ध की जाए।
DC ने कहा कि जिले में गैर कार्यात्मक परियोजनाओं के सुचारू संचालन के लिए सम्बंधित उपमंडलाधिकारी एवं परियोजना के अधिकारी आपस में बैठक कर उस से जुड़े विषयों को सुलझा ले, अन्यथा परियोजना से सम्बंधित विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर निदेशक को भेजना सुनिश्चित करे ताकि उस विषय में आगामी कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
DC ने कहा कि परियोजना के निर्माण कार्य के दौरान ब्लास्टिंग/विस्फोट (Blasting) के लिए उचित NOC एवं अनुमति होना आवश्यक है, अन्यथा इस विषय में पेनल्टी का भी प्रावधान किया गया है। DC ने कहा कि इसके अतिरिक्त मिट्टी की डंपिंग सिर्फ डंपिंग साइट पर ही करें क्योंकि यह पर्यावरण से जुड़ा हुआ विषय है।
DC ने कहा कि सभी परियोजना अधिकारी प्रभावित पंचायतों के जनप्रतिनिधि एवं स्टेकहोल्डर का व्हाट्सएप ग्रुप (whatsapp group) तैयार करें ताकि आपातकालीन स्थिति में गांव के लोगों को सूचित किया जा सके।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) अजित भारद्वाज, उपमंडल अधिकारी रोहड़ू विजयवर्धन, उपमंडल अधिकारी रामपुर निशांत तोमर, उपमंडल अधिकारी शिमला ग्रामीण कविता ठाकुर, उपमंडल अधिकारी कुमारसैन कृष्ण कुमार शर्मा, उपमंडल अधिकारी चौपाल हेम चंद वर्मा सहित जिले की विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे। Himachal News
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