Himachal News : शिमला। जनजातीय जिला किन्नौर (Kinnaur) के निगानी (Nigani) और तरांडा (Taranda) में कडू (Kaddu) के 1 लाख पौधे रोपे गए। प्रदेश में वन महोत्सव (Forest Festival) का आगाज होते ही जाइका वानिकी परियोजना (Jaika Forestry Project) ने औषधीय खेती (Medicinal Cultivation) की ओर नई पहल शुरू कर दी। इसके मद्देनजर वन परिक्षेत्र निचार (forest range inspection) के अंतर्गत ग्राम वन विकास समिति (Village Forest Development Committee) निगानी और हर्बल ग्रुप (Herbal Group) निगानी के सौजन्य से छोत कंडा में कडू के 50 हजार पौधे रोपे।
इसी तरह से ग्राम वन विकास समिति तरांडा और तरांडा मां हर्बल ग्रुप तरांडा के सौजन्य से तरांडा में कडू के 50 हजार पौधे रोपे गए। प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना वन समृद्धि-जन समृद्धि योजना को ध्यान में रखते हुए जाइका वानिकी परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
सेवानिवृत हिमाचल प्रदेश वन सेवा अधिकारी सीएम शर्मा, वन परिक्षेत्र अधिकारी निचार मौसम धरैक, उप वन परिक्षेत्र अधिकारी निचार नरेश कुमार, सुखराम, वन रक्षक विकास, मेला राम, वानिकी परियोजना से विषय वस्तु विशेषज्ञ किन्नौर राधिका नेगी, तकनीकी इकाई समन्वयक प्रियंका नेगी समेत हर्बल गु्रप और ग्राम वन विकास समिति के सदस्यों ने कडू के पौधे रोपने में अपना योगदान किया।
गौरतलब है कि औषधीय खेती के लिए गत 19 जुलाई को वन परिक्षेत्र निचार के अंतर्गत निगुलसरी में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें वानिकी परियोजना के जैव विविधता विशेषज्ञ (Biodiversity Expert) डा. एसके काप्टा (Dr. SK Kapta) ने लोगों को कीमती जड़ी-बूटी की खेती के लिए जागरूक भी किया। ऐसे में आने वाले दिनों में औषधीय पौधे रोपे जाएंगे। Himachal News
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