Himachal News : मंडी। उपायुक्त अपूर्व देवगन (Deputy Commissioner Apoorva Devgan) की अध्यक्षता में वीरवार को मंडी जिले में केन्द्रीय प्रायोजित 10000 एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन) के गठन एवं संवर्धन योजना की प्रगति की समीक्षा हेतु जिला स्तरीय निगरानी समिति (DMC) की बैठक का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर उपायुक्त ने बताया कि बैठक का उद्देश्य जिले में योजना के अंतर्गत गठित किसान उत्पादक संगठनों के विकास और कामकाज की प्रगति की बारीकी से निगरानी और समीक्षा करना है।
उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत कार्यान्वयन एजेंसियों जैसे नाबार्ड (NABARD), NCDC, SFAC एवं नेफेड (NAFED) ने क्लस्टर आधारित व्यवसाय संगठन (CBBO) के माध्यम से 18 FPO का गठन किया गया है जो कंपनी अधिनियम एवं सहकारी समिति अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत किए गए हैं।
FPO की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी FPO को बेहतर मूल्य प्राप्त करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण हेतु निर्देश दिये। उन्होंने सुझाव दिया कि जिले में विदेशी सब्जियों की पर्याप्त गुंजाइश है, जिसका इन FPO द्वारा दोहन किया जा सकता है।
उन्होंने निर्देश दिया कि CBBO द्वारा संवर्धित किसान उत्पादक संगठनों को आवश्यक लाइसेंस लेने के लिए सहयोग करें और किसानों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत और दूसरी सेवाएँ प्रदान करने में मदद करें। बैठक में DDM, नाबार्ड, राकेश वर्मा ने बताया कि जिले में 14 ब्लॉक हैं, जहां 18 FPO का गठन किया गया तथा 3500 से अधिक किसान इन FPO के सदस्य हैं और विभिन्न सेवाओं का लाभ ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि FPO की प्रमुख गतिविधियां सब्जियों और सेब का एकत्रीकरण एवं विक्रय, खाद्य प्रसंस्करण आदि शामिल हैं। किसान उत्पादक संगठनों के सदस्यों को एफपीओ के माध्यम से उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिल रहा है।
कई FPO के पास खाद, बीज, FSSAI, मंडी लाइसेंस आदि हैं और किसान FPO के माध्यम से इन सेवाओं के द्वारा लाभ प्राप्त कर रहे हैं। एलडीएम (LDM) संजय कुमार ने बैंकों के साथ पात्र FPO के क्रेडिट लिंकेज के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। बैठक में पशुपालन, कृषि तथा बागवानी विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। Himachal News
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