Himachal News : मार्केटिंग बोर्ड का घोटाला दबाने का प्रयास: संदीपनी भारद्वाज

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Himachal News : मार्केटिंग बोर्ड का घोटाला दबाने का प्रयास: संदीपनी भारद्वाज
Himachal News : मार्केटिंग बोर्ड का घोटाला दबाने का प्रयास: संदीपनी भारद्वाज

Himachal News : शिमला। भाजपा (BJP) के प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज (Sandipani Bharadwaj) ने कहा कि कांग्रेस के सभी नेता अपने भ्रष्टाचार के कारनामे छुपाने का प्रयास कर रहे हैं तो केवल मात्र बयान देकर जनता का ध्यान भटकने का प्रयास कांग्रेस का भ्रष्ट टब्बर कर रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड (Himachal Pradesh Marketing Board) में 7 करोड़ रुपए के विवादित टेंडर (Tender) को आखिरकार कैंसिल कर दिया है।

भारद्वाज ने कहा कि वह कांग्रेस के नेताओं से पूछना चाहेंगे कि ऐसी क्या नौबत आ गई थी कि इस टेंडर को कैंसिल करने की जरूरत पड़ गई? अगर सब कुछ ठीक था तो इस टेंडर को होने क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा कि बोर्ड ने अब फर्म की ओर से आई अतिरिक्त जीएसटी की डिमांड के बहाने यह फैसला लिया है।

बोर्ड ने कहा है कि क्योंकि अतिरिक्त किसी तरह का भुगतान नहीं हो सकता इसलिए बोर्ड टेंडर के लेटर आफ इंटेंट को ही वापस ले रहा है। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार को छुपाने का सबसे बड़ा उदाहरण हिमाचल प्रदेश में सामने निकल कर आया है। सब्जी और फल मंडियों की डिजिटाइजेशन को लेकर ये टेंडर हुआ था, उसके बाद मुख्य सचिव कार्यालय बीच में आया और इस बारे में सारी रिपोर्ट मांगी।

संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि विवाद ये था कि मार्केटिंग बोर्ड के एमडी इस टेंडर को दोबारा से करने की बात फाइल पर लिखते रहे लेकिन कृषि सचिव एवं चेयरमैन मार्केटिंग बोर्ड (Agriculture Secretary and Chairman Marketing Board) ने टेंडर अवार्ड कर दिया। अवार्ड करने का फैसला भी टेंडर कमेटी (Tender Committee) के कई सदस्यों और अध्यक्ष की अनुपस्थिति में हुआ था।

टेंडर अवार्ड करने में राज्य सरकार के स्थापित वित्तीय नियमों की अनदेखी हुई थी। मार्केटिंग बोर्ड और चेयरमैन के एकमत न होने के कारण टेंडर कॉल एमडी ने किया था लेकिन अवार्ड लेटर चेयरमैन ने दिया। इस बारे में अभी एग्रीमेंट नहीं हुआ था इसलिए टेंडर कैंसिल करना विकल्प था।

भाजपा नेता ने कहा कि हिमाचल में मार्केटिंग बोर्ड के तहत इस समय कुल 74 सब्जी एवं फल मंडियां हैं। इनमें से 36 मंडियां ऐसी हैं, जो साल भर आपरेशनल रहती हैं। बाकी मंडियां अधिकांश सीजनल हैं। ऐसे में इन मंडियों में किसान लेकर लेकर लदानी तक का रिकॉर्ड डिजिटाइज करने के लिए यह टेंडर किया जा रहा था लेकिन टेंडर की प्रक्रिया विवादित हो गई थी। Himachal News

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