Himachal News : शिमला। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer) मनीष गर्ग ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के मार्गदर्शन में समावेशी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के दौरान सभी श्रेणियों के मतदाताओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।
उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव-2024 के लिए हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कुल 56,45,579 मतदाता (Voter) पंजीकृत थे जिनमें 57,775 दिव्यांगजन मतदाता पंजीकृत थे। गर्ग ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्यभर में स्थापित कुल 7,992 मतदान केंद्रों को हाल ही में हुए संसदीय चुनावों के लिए दिव्यांगजनों के लिए विभिन्न सुविधाएं प्रदान की गई थीं।
उन्होंने बताया कि कुल मतदान केंद्रों में से 28 का संचालन पूर्णत: दिव्यांगजन कर्मचारियों द्वारा किया गया था। दिव्यांगजन और वृद्धजन मतदाताओं की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए मतदान केंद्रों पर इन श्रेणियों के मतदाताओं की सहायता के लिए पिक एंड ड्रॉप, व्हीलचेयर, स्वयंसेवकों जैसी सुविधाएं प्रदान की गईं।
उन्होंने कहा कि 10,634 दिव्यांगजनों और 29,921 वृद्धजन (85 वर्ष से अधिक आयु) मतदाताओं ने होम वोटिंग सुविधा का लाभ उठाया। उन्होंने कहा कि मजबूत लोकतंत्र के लिए मतदाताओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं (एएमएफ) के अलावा, राज्यभर में 2,524 व्हीलचेयर और 656 अनुरोधों के आधार पर मतदाताओं को पिक एंड ड्रॉप सुविधा प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा अस्पतालों (Department of Social Justice and Empowerment and Hospitals) द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड की सहायता से दिव्यांगजनों की सूचियों (Database) को अद्यतन किया गया। दिव्यांगजनों की ये सूचियां संबंधित बूथ लेवल अधिकारियों के स्तर तक प्रसारित की गर्इं ताकि वे मतदाता पंजीकरण में उनकी मदद कर उन्हें चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित कर सकें।
इसके अलावा, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि कैंपस एंबेसडर की मदद से विभिन्न महाविद्यालयों में दिव्यांगजन छात्रों का मतदाता पंजीकरण करने के लिए विशेष अभियान चलाए गए। विभाग ने चुनाव के संबंध में दिव्यांगजन मतदाताओं को जागरूक करने के लिए इस श्रेणी के मतदाताओं पर केंद्रित कार्यक्रमों को स्थानीय आकाशवाणी और दूरदर्शन केंद्रों के माध्यम से प्रसारित किया।
उन्होंने कहा कि विभाग ने मतदान प्रक्रिया में लोगों को भाग लेने के लिए प्रेरित करने के लिए शतायु व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें उनके क्षेत्र में रोल मॉडल के रूप में नियुक्त करने के लिए विशेष व्यवस्था की।
इसके अलावा, श्रवण बाधित व्यक्तियों के साथ संवाद के लिए प्रमुख संकेतों पर मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र (CRC), सुंदरनगर की मदद से विशेष पोस्टर तैयार किए गए।
प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें जागरूक करने के अलावा विभिन्न श्रेणियों के दिव्यांगजनों के साथ संवाद के लिए मतदान दलों के लिए क्या करें और क्या न करें के पोस्टर भी तैयार किए गए।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन मतदाताओं को जागरूक करने और चुनावों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नुक्कड़ नाटक और रैलियां भी आयोजित की गर्इं।
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