Himachal News : शिमला। कृषि एवं पशुपालन मंत्री (Minister of Agriculture and Animal Husbandry) चंद्र कुमार (Chandra Kumar) ने कहा है कि प्रदेशभर में सितंबर से दिसंबर, 2024 तक पशुगणना (livestock census) की जाएगी।
वे पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार (Ministry of Animal Husbandry and Dairying, Government of India) एवं हिमाचल पशुपालन विभाग (Himachal Animal Husbandry Department) के संयुक्त तत्वावधान में शिमला में राज्य स्तरीय 21वीं पशुधन गणना (State Level 21st Livestock Census) पर आधारित प्रशिक्षण कार्यशाला (Training Workshop) को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यशाला समस्त जिला नोडल अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों के लिए आयोजित की गई थी।
सॉफ्टवेयर की टीम ने जिला नोडल अधिकारियों एवं सुपरवाइजर को मोबाइल एप्लीकेशन (Mobile Application) एवं डैशबोर्ड (Dashboard) पर विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया। चंद्र कुमार ने कहा कि यह प्रशिक्षण शिविर मोबाइल वेब एप्लीकेशन एवं डैशबोर्ड पर आधारित है जिसमें पशुधन की विभिन्न नस्लें शामिल है। यह गणना पूरे प्रदेशभर में सितंबर से दिसंबर, 2024 तक की जाएगी। पशुपालन मंत्री ने कहा कि 21वीं पशुधन गणना प्रदेश के हर घर एवं गौशाला में की जाएगी ताकि गणना से पशुधन का परफेक्ट डाटा एवं विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सके।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विकास के लिए प्रभावी नीतियों और योजनाओं का क्रियान्वयन तभी सुनिश्चित हो सकता है जब हमारे पास पशुधन से संबंधित सही आंकड़े उपलब्ध हो। चंद्र कुमार ने कहा कि आज के दौर में कहीं न कहीं हमारी निर्भरता पशुधन पर कम हो गई है। गणना कार्यक्रम से हम इस दिशा में आगे बढ़ सकते है ताकि लोगों की आय में वृद्धि हो सके। इस अवसर पर सचिव पशुपालन विभाग राकेश कंवर (Rakesh Kanwar) ने कहा कि पशुधन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में पशुधन की संख्या, प्रजाति और नस्ल पर सही आंकड़े एकत्रित करना है ताकि भविष्य में यह आंकड़े नीति निर्धारण में सहायक सिद्ध हो सके।
प्रशिक्षण शिविर में निदेशक पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार डा. वीपी सिंह (Dr. VP Singh) ने 21वीं पशुधन गणना कार्यक्रम पर विस्तृत बात रखी। निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संस्थान ब्यूरो करनाल डा. बीपी मिश्रा (Dr. BP Mishra) ने पशुधन नस्लों पर प्रेजेंटेशन दी। निदेशक पशुपालन विभाग हिमाचल प्रदेश डा. प्रदीप शर्मा (Dr. Pradeep Sharma) ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं पशुधन गणना को सफल बनाने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर हेड एजी डिवीजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संस्थान ब्यूरो करनाल डा. एसपी दीक्षित, संयुक्त निदेशक एवं जनगणना के लिए राज्य नोडल अधिकारी डा. सुनील चौहान, डा. धीमान, डा. विशाल शर्मा, डा. संदीप रत्न सहित जिला के समस्त नोडल अधिकारी एवं सुपरवाइजर उपस्थित रहे। Himachal News
पशुधन के प्रमुख क्षेत्र Himachal News
पशुधन गणना में मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर, घोड़े, टट्टू, खच्चर, गधे, ऊंट और मुर्गी पालन सहित अन्य पशुधन शामिल होंगे। नस्ल-वार स्वदेशी और विदेशी नस्लों पर आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों के राजस्व ग्रामों में पशुधन की गणना सुनिश्चित की जाएगी।
चुनौतियां एवं बाधाएं Himachal News
हिमाचल प्रदेश पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण पशुगणना हेतू दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए कई प्रकार की चुनौतियों एवं बाधाएं पेश आ सकती है लेकिन विभाग इन सभी चुनौतियों एवं बाधाओं को पार कर पशुगणना को सुनिश्चित करवाएगा।
आंकड़ों का सही संग्रहण एवं पशुगणना की तैयारी Himachal News
पशुधन गणना के आंकड़ों का सही संग्रहण करने के लिए स्थानीय समुदायों को संगठित कर एवं उनके सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता लाई जाएगी। दक्षता और सटीकता बढ़ाने के लिए आंकड़ों के संग्रहण के लिए डिजिटल टूल और मोबाइल ऐप को शामिल किया गया है। Himachal News
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