Himachal News : बिजली दरों में वृद्धि और सब्सिडी में कटौती करने पर पलायन को मजबूर होंगे जिला सिरमौर के उद्योग

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Himachal News : बिजली दरों में वृद्धि और सब्सिडी में कटौती करने पर पलायन को मजबूर होंगे जिला सिरमौर के उद्योग
Himachal News : बिजली दरों में वृद्धि और सब्सिडी में कटौती करने पर पलायन को मजबूर होंगे जिला सिरमौर के उद्योग
  • पांवटा साहिब में चैंबर आफ कॉमर्स ने मांगी राहत, सरकार उद्योगों के हित में लें फैसला

Himachal News : रमेश पहाड़िया। नाहन। पांवटा साहिब (Paonta Sahib) में चैंबर आफ कॉमर्स (Chamber of Commerce) ने कहा कि संकट के दौर से गुजर रहे उद्योग अब बिजली दरों में वृद्धि या सब्सिडी में कटौती के किसी भी कदम को सहन नहीं कर पाएंगे। इस दौरान चैंबर आफ कॉमर्स अध्यक्ष सतीश गोयल व महासचिव नवीन अग्रवाल ने पत्रकारवार्ता में कहा कि प्रदेश में रुकने के लिए उद्योगों के पास बिजली ही एकमात्र आकर्षण है लेकिन उसकी दरें भी अगर पड़ोसी राज्यों के मुकाबले ज्यादा हो जाएंगी तो उद्योगों के पास पलायन के अलावा कोई चारा बाकी नहीं रह जाएगा।

पदाधिकारियों ने पत्रकारवार्ता में प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि उद्योग हित में बिजली की दरों में किसी भी तरह की वृद्धि न करें। इस दौरान सतीश गोयल ने कहा कि हिमाचल में स्थापित उद्योग बुरे दौर से गुजर रहे है और पलायन की दहलीज पर खड़े हैं। प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल, 2024 को बिजली बोर्ड के कहने पर कारखानों की बिजली पर जो 1 रुपए प्रति यूनिट वृद्धि की थी उसको उस समय लागू नहीं किया गया और उद्यमियों के आवाज बुलंद करने के बाद बाकायदा राज्य सरकार ने सब्सिडी देने की घोषणा की थी ताकि निवेश प्रभावित न हो।

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सतीश गोयल ने कहा कि बीते वर्षों में उद्योगों की बिजली दरों में निरंतर वृद्धि हो रही है जिससे प्रदेश में विद्युत यूनिट की दर पड़ोसी राज्यों के मुकाबले काफी अधिक हो गई है। सरकार व विद्युत बोर्ड ने पहली अप्रैल से दरों में 1 रुपए की बढ़ोतरी की थी लेकिन बाद में इस वृद्धि को लागू न कर सबसिडी दे दी थी लेकिन हाल ही में राज्य सरकार ने होटलों और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए सब्सिडी वापस लेने का फैसला किया है, जबकि उद्योगों के लिए सब्सिडी के बारे में अंतिम निर्णय 2 सितंबर को मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री की प्रस्तावित बैठक में लिए जाने की चर्चा है।

इस दौरान सतीश गोयल ने कहा कि 2 साल में 50 फीसदी दाम बिजली के बढ़ चुके हैं और अगर 2 सितंबर को मुख्यमंत्री की उद्योग मंत्री के साथ बैठक में उद्योगों को दी जा रही 1 रुपए सब्सिडी को समाप्त किया जाता है तो उत्पादन लागत काफी बढ़ जाएगी। इस दौरान नरेंद्र पाल सहोता व बीडी त्यागी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर व अन्य राज्यों की और उद्योगपति जाने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पांवटा से लगभग 40 छोटे उद्योगों ने अपने जीएसटी नंबर सरेंडर कर दिए हैं। इस दौरान सतीश गोयल ने कहा कि सरकार को उद्योग जगत के सहयोग के लिए आगे आना चाहिए, न की किसी तरह का बोझ उद्योगों पर डालना चाहिए। Himachal News

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