Himachal News अवैध खनन रोकथाम के तहत 12,60,400 रुपये का जुर्माना लगाया

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Himachal News fine of Rs 12,60,400 imposed under illegal mining prevention

शिमला: निदेशक उद्योग डॉ. यूनुस ने आज यहां बताया कि प्रदेश सरकार के खनन विभाग ने अवैध खनन की समस्या पर अंकुश लगाने और इससे संबंधित शिकायतों का त्वरित समाधान करने के लिए ठोस एवं प्रभावी कदम उठाए हैं। इसके अंतर्गत विशेष अभियान के तहत 01 से 15 दिसंबर तक अवैध खनन रोकथाम के प्रयासों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
उन्होंने बताया कि 15 दिनों के इस व्यापक अभियान के दौरान प्रदेश में अवैध खनन के कुल 295 मामलों को दर्ज किया गया। विभाग ने सभी मामलों में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 12,60,400 रुपये का जुर्माना लगाया। इस अभियान से अवैध खनन पर अंकुश लगाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, खनिज संपदा के संवर्धन और जन जागरूकता को बढ़ावा प्रदान किया गया।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान जनभागीदारी को बढ़ाने और अवैध खनन की हानियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए भी महत्वपूर्ण प्रयास किए गए। राज्य के सभी जिलों में गहन निरीक्षण और निगरानी अभियान चलाए गए। खनन क्षेत्रों में वैज्ञानिक और पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित पद्धतियों को अपनाने पर बल दिया गया।
निदेशक उद्योग ने नागरिकों से प्रदेश में अवैध खनन की किसी भी गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को उपलब्ध करवाने की अपील की। विभाग प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से जांचते हुए दोषियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि शिकायतों के समाधान के लिए एक प्रभावी तंत्र स्थापित किया गया है ताकि नागरिकों को न्यायपूर्ण एवं शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया जा सके और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
डॉ. यूनुस ने कहा कि प्रदेश सरकार और खनन विभाग अवैध खनन रोकथाम के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। यह अभियान सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जो पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हुए प्रदेश की खनिज संपदा के संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि नागरिकों का सक्रिय सहयोग इस मुहिम को और अधिक सफल बनाएगा।
निदेशक उद्योग ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे खनिज संपदा के संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा में अपनी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत रहेगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करती रहेगी। उन्होंने कहा कि अवैध खनन गतिविधि की जानकारी तुरंत खनन विभाग को सूचित की जाए और एक छोटी सी जानकारी प्रदेश के पर्यावरण और खनिज संपदा की सुरक्षा में बड़ा योगदान दे सकती है।