Himachal News : लोकिन्दर बेक्टा। शिमला। डीए (DA), एरियर (Array) और अन्य मुद्दों को लेकर राज्य सचिवालय (State Secretariat) के कर्मचारियों का सालों से दबा गुबार आखिर बाहर निकल ही गया। कर्मचारियों की छोटी-छोटी समस्याएं आज इतनी बड़ी हो गई कि सचिवालय के तमाम कर्मचारी एक आवाज में अपने कार्यालयों से बाहर निकल आए।
हिमाचल प्रदेश सचिवालय (Himachal Pradesh Secretariat) में कार्यरत सभी श्रेणियों के कर्मचारियों ने बुधवार को आम सभा कर यहां की सभी पांचों संघों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस आम सभा में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ गुबार निकाला। इसमें क्लास वन से लेकर क्लास फोर तक के सभी कर्मचारी नेता शामिल थे।
यह आमसभा प्रदेश सचिवलाय कर्मचारी महासंघ के बैनर तले आयोजित किया गया और इसे दूसरे अन्य विभागों के कर्मचारी संघों का भी समर्थन मिला। प्रदेश सचिवालय के प्रांगण में करीब डेढ़ बजे शुरू हुआ यह आमसभा 3 बजे तक चली। इसमें सभी संघों के नेताओं ने सरकार की कार्यप्रणाली को कोसा। कर्मचारी नेताओं के निशाने पर मुख्यमंत्री के साथ उनकी सारी अफसरशाही, सलाहकार, OSD, मंत्री थे।
शुरूआती तौर पर मुद्दा डीए-एरियर को लेकर था लेकिन उसमें कर्मचारियों की और भी मांगें जुड़ती चली गई। इस आमसभा के बहाने कर्मचारी नेताओं ने सुक्खू सरकार की व्यवस्था परिवर्तन पर हल्ला बोला और तंज कसे। उन्होंने कर्मचारियों के नाम पर बार-बार लिए जा रहे लोन के मामले पर भी सरकार को घेरा और कहा कि यह पैसा सरकार अपने ऐशोआराम पर खर्च कर रही है।
अधिकारियों को पुन: रोजगार देने के मामले पर नेता काफी नाराज दिखे। इसके अलावा, सरकारी गाड़ियों के दुरुपयोग मामले पर सरकार नेताओं के निशाने पर थी। सचिवालय की रेनोवेशन पर खर्च किए जा रहे करोड़ों रुपए पर कर्मचारी नेता नाराज दिखे और सब ने अपने-अपने तरीके से सरकार के प्रति नाराजगी जताई।
मांगें न मानी तो अनशन पर बैठेंगे: संजीव शर्मा Himachal News
प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संघ (State Secretariat Employees Union) के प्रधान संजीव शर्मा (Sanjeev Sharma) ने कहा कि अगर सरकार ने उन्हें गुरुवार को वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो 23 अगस्त को दोबारा आमसभा होगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र के बाद 10 सितंबर को प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संघ मास कैजुअल लीव पर जाएग। अगर फिर भी बात न मानी तो वह अनशन पर बैठेंगे।
उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं है और उनके अधिकारी 50 लाख रुपए की गाड़ी में घूम रहे हैं। सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय के रेनोवेशन के लिए 19 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव तैयार कर दिया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उनकी मांगों पर सरकार गंभीरता से गौर करे और उन्हें माने।
बीवी-बच्चों को घुमा रही गाड़ियां, कर्मचारियों के लिए पैसा नहीं: टेकराम Himachal News
प्रदेश सचिवालय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ (State Secretariat Class IV Employees Union) के प्रधान टेकराम (Tekram) ने कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसे की कमी आड़े आ रही है, लेकिन अपने एशोआराम के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। सरकारी गाड़ियां अफसरों की बीवी और बच्चों को ढो रही हैं। तब पैसे की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपने खर्चों पर रोक लगाए और सप्ताह में 5 दिन ही गाड़ी चलाने का फैसला ले तो सरकार इससे लाखों रुपए बचा सकती है।
वर्ना प्रदेश की हालत को बांग्लादेश जैसे बनने से कोई नहीं रोक सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने सलाहकारों की फौज खड़ी करके रख दी है, लेकिन कोई भी ढंग की सलाह नहीं दे रहे। माननीयों को 2-2 गाड़ियां दी गई हैं। उन्हें HRA 60 हजार रुपए दिया जा रहा है और कर्मचारियों को सिर्फ 250 रुपए मिल रहा है।
अगर यही व्यवस्था परिवर्तन है तो नहीं चाहिए: अमर सिंह Himachal News
सचिवालय चालक संघ (Secretariat Drivers Union) के प्रधान अमर सिंह (Amar Singh) ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सचिवालय में 18 साल बाद सभी कर्मचारी यूनियनों की आमसभा हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों के नाम पर लोन ले रही है लेकिन वित्तीय देनदारियां चुकता नहीं कर रही।
उन्होंने आरोप लगाया कि अफसरशाही के ऐशोआराम के लिए कर्मचारियों का वेतन से यह पैसा काटा जा रहा है। बेरोजगारी की समस्या बढ़ती जा रही है, सरकार अधिकारियों को रि-इम्पलायमेंट दे रही है। उन्होंने कहा कि यदि यही व्यवस्था परिवर्तन है तो नहीं चाहिए ऐसा व्यवस्था परिवर्तन। सरकारी गाड़ियां मेम साहब और बच्चों को ढो रही है।
उन्होंने कहा कि CM अधिकारियों को एक गाड़ी देने का आदेश करे। वहीं, सप्ताह में 5 दिन ही गाड़ी चलाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे लाखों बचेंगे और कर्मचारियों की देनदारियां चुकती होगी।
सफेद हाथी बैठाए हैं, क्या काम किया रिपोर्ट ले सरकार: बोधराज Himachal News
सचिवालय में पीए प्राइवेट सेक्रेटरी संघ (PA Private Secretary Association) के प्रधान बोधराज (Bodhraj) ने कहा कि आज कर्मचारी मजबूर होकर बाहर निकला है। उन्होंने कहा कि यह काहे का व्यवस्था परिवर्तन है। अगर सरकार समय पर नहीं संभली तो उनका ही परिवर्तन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने सफेट हाथी बैठा रखे हैं। एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन दी जा रही है। वह क्या काम कर रहे हैं, सरकार इसकी रिपोर्ट ले।
उन्होंने सरकार को घेरा और कहा कि OSD और एडवाइजरों की फौज खड़ी करके रख दी है। क्या सलाह दे रहे हैं समझ से परे है। आज कर्मचारी हाशिए पर आ गया है। बोर्ड और निगमों में अध्यक्षों को सचिवालय में बैठा दिया है। उन्हें 4-4 गाड़ियां दी गई हैं। रेनोवेशन के नाम पर करोड़ों खर्च करने के लिए पैसे हैं लेकिन कर्मचारियों को उनका हक देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है।
उधर, गीता ठाकुर (geeta thakur) ने कहा कि प्रदेश सचिवालय का कर्मचारी जो सरकार और प्रदेश को चला रहा है उनकी दुर्दशा करके रख दी है। उन्होंने कहा कि बाहर से आए ब्यूरोक्रट्स कभी हमारे नहीं बनेंगे। उन्होंने इन पर पक्षपात करने का आरोप भी लगाया। Himachal News
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