Himachal News : शिमला। चौधरी श्रवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कुलपति की नियुक्ति को लेकर Himachal प्रदेश राजभवन और कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बीच टकराव बढ़ गया है।
कृषि मंत्री द्वारा इस विश्वविद्यालय के वीसी की नियुक्ति से संबंधित फाइल के राजभवन में होने के बाद राज्यपाल खुद सामने आए हैं और इसे लेकर सारी स्थिति स्पष्ट की। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने गुरुवार (27 जून) को शिमला में पत्रकारवार्ता में स्पष्ट कहा कि चंद्र कुमार पहले तथ्य जांच लें, फिर राज्यपाल पर टिप्पणी करें।
राज्यपाल ने कहा कि वह नियम के विरुद्ध कोई काम नहीं करेंगे और राज्यपाल की गरिमा का पालन करते रहेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राजभवन ने चौधरी श्रवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कुलपति की नियुक्ति की फाइल को नहीं रोका है, बल्कि राजभवन ने इस नियुक्ति से जुड़ी फाइल को अपनी प्रतिक्रिया के साथ प्रदेश सरकार को वापस भेज दिया है और चंद्र कुमार को फाइल के बारे में पता करना चाहिए।
प्रतिनिधियों की कमेटी ही कर सकती है कुलपति का चयन Himachal News
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विधानसभा में एक कानून पारित कर राजभवन को मंजूरी के लिए भेजा है। इस कानून में कहा गया है कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कुलपति की नियुक्ति सरकार की इच्छानुसार की जाए क्योंकि सरकार इस विश्वविद्यालय को चलाने के लिए पैसा देती है इसलिए सरकार कुलपति के लिए जो नाम प्रस्तावित कर भेजे, राज्यपाल उसे कुलपति बना दे।
राज्यपाल ने कहा कि न तो पहले इस प्रकार की कोई व्यवस्था थी और न ही कृषि विश्वविद्यालय में इस कानून के अनुसार नियुक्ति की जा सकती है क्योंकि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर एक तकनीकी विश्वविद्यालय है। ऐसे में इस विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति के लिए एक प्रतिनिधि आईसीएआर का, एक यूजीसी का और एक राजभवन का होता रहा है।
इन प्रतिनिधियों की कमेटी ही कुलपति का चयन कर सकती है। उन्होंने कहा कि राजभवन ने इस कार्य के लिए एक कमेटी का भी गठन किया था जिसने अपने नाम भी सुझा दिए थे लेकिन बाद में विश्वविद्यालय के ही एक शिक्षक द्वारा अदालत में याचिका दायर कर दिए जाने के कारण इस नियुक्ति पर स्टे लग गया है और स्टे हटते ही राजभवन कुलपति के पद पर नियुक्ति की दिशा में आगे बढ़ेगा।
नियुक्ति में देरी के लिए राज्यपाल को दोषी ठहराना गलत Himachal News
राज्यपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि कृषि मंत्री चंद्र कुमार और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान इस मुद्दे पर उनसे मिलने आए थे। उन्होंने दोनों ही मंत्रियों को राजभवन के जवाब के बारे में अवगत करवा दिया था।
इसके बावजूद कृषि मंत्री चंद्र कुमार द्वारा सार्वजनिक मंचों से इस नियुक्ति में देरी के लिए राजभवन अथवा राज्यपाल को दोषी ठहराना सरासर गलत है।
राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में 1 साल से नियमित कुलपति न होने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस नियुक्ति में देरी के लिए भी राजभवन का कोई दोष नहीं है क्योंकि राजभवन ने सरकार के प्रतिनिधि यानी मुख्य सचिव को इस नियुक्ति के लिए कमेटी का अध्यक्ष बनाया है जो राज्य सरकार का भी प्रतिनिधि है।
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने इस नियुक्ति को लेकर मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है लेकिन उस पर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सरकार अपराध की किसी भी घटना को गंभीरता से ले Himachal News
राज्यपाल ने प्रदेश में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कहा कि राज्य में हालांकि कानून व्यवस्था की स्थिति खराब नहीं है लेकिन हिमाचल छोटा प्रदेश है और यहां अपराध कम है।
ऐसे में छोटी घटनाएं भी बड़ी नजर आती हैं इसलिए प्रदेश सरकार को अपराध की किसी भी घटना को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति के मामले में कहा कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है।
नौ तोड़ देने के पक्ष में राज्यपाल Himachal News
राज्यपाल ने जनजातीय क्षेत्र में नौ तोड़ जमीन के आबंटन से संबंधित कानून को मंजूरी दिए जाने के मुद्दे पर कहा कि वह इसके पक्ष में है। उन्होंने यह भी कहा कि यह आबंटन नियमों के अनुसार होना चाहिए।
लोकतंत्र प्रहरी कानून के मुद्दे पर राज्यपाल ने कहा कि सरकार को इस मामले में अदालत के आदेशों का पालन करना चाहिए क्योंकि अदालत ने इस कानून को सही पाया है।
विश्व योग दिवस कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के ही किसी भी प्रतिनिधि के न पहुंचने के मुद्दे पर राज्यपाल ने कहा कि उन्हें सरकार ने ही इस कार्यक्रम में बुलाया था लेकिन सरकार खुद इस कार्यक्रम से नदारद रही जोकि गलत है।
योग दिवस किसी सरकार का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यूएनओ ने 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में घोषित किया है। Himachal News
यह भी पढ़ें : Himachal News : 18 लोगों को ‘हिमाचल के प्रहरी’ सम्मान