Himachal News : शिमला। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग (Department of Social Justice and Empowerment) की ओर से स्माईल (Support for Marginalized Individual for Livelihood Enterprise) आजीविका और उद्यम (Livelihood and Enterprise) के लिए हाशिए पर पड़े व्यक्तियों की सहायता के लिए योजना के क्रिन्यावन में हो रही देरी पर जिलाधीश अनुपम कश्यप ने संबधित विभागों की कार्यप्रणाली पर चिंता जाहिर की है।
जिलाधीश ने विभागों को आदेश दिए हैं कि 15 दिनों के भीतर योजना को अमलीजामा पहनाने की सारी प्रक्रिया को पूरा किया जाए। अन्यथा देरी करने वाले विभागों के विरुद्ध सख्त कारवाई अमल में लाई जाएगी।
इस योजना का क्रियान्वयन नगर निगम शिमला के माध्यम से किया जा रहा है। जिलाधीश ने कहा कि शहर के भिखारियों (beggar) को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में विकल्प ढूंढे जाएंगे। इसके अलावा संबंधित विभाग स्थायी आजीविका के बारे में व्यापक रणनीति तैयार करें।
हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम (Himachal Pradesh Skill Development Corporation) की सहायता से पुनर्वास किए जाने वाले भिखारियों को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण देने का प्रावधान भी है। वहीं कॉरपोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी (CSR) के तहत भी रोजगार मुहैया करवाया जाएगा।
भिक्षा मुक्त भारत बनाने की दिशा में चयनित हुए शिमला शहर में स्माईल योजना के तहत भिखारियों का पुनर्वास किया जाएगा। इस योजना में नाबालिग बच्चें, जो भिक्षावृत्ति करते हैं, उनका पुनर्वास करके नजदीकी स्कूल में दाखिला करवाया जाने का प्रावधान है।
इस दौरान उक्त नाबालिग का सारा खर्च शिक्षा विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। वहीं व्यस्क भिखारियों को नशा मुक्ति केंद्र (केवल उन्हें जो नशे की चपेट में है) और गरिमा गृह में स्थानांतरित किया जाएगा।
यहां पर इन्हें रहने, खाने पीने, कपड़े, मनोरंजन, अन्य दैनिक गतिविधियों की सुविधा मिलेगी और काउंसलिंग भी की जाएगी। नगर निगम ने लक्कड़ बाजार और चौड़ा मैदान में 2 गरिमा गृहों को योजना के तहत चयनित किया है।
सर्वेक्षण में 27 भिखारियों की पहचान Himachal News
इस योजना के तहत जिला कल्याण अधिकारी को नोडल आफिसर नियुक्त किया गया। आयुक्त नगर निगम शिमला के नेतृत्व में शहर के भिखारियों का सर्वेक्षण किया गया है।
इसमें भिखारियों के बैठने की जगह, पहचान, कब से भीख मांग रहे आदि के बारे में जानकारी एकत्रित करना शामिल है। शिमला में 27 भिखारियों की पहचान की गई है। इसमें 26 व्यस्क और एक नाबालिग शामिल है।
स्माईल योजना के तहत खर्च होंगे 17 लाख 60 हजार रुपए Himachal News
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (Union Ministry of Social Justice and Empowerment) की ओर से 17 लाख 60 हजार रुपये इस योजना के तहत शिमला शहर में भिखारियों के पुनर्वास पर व्यय किए जाएंगे। ये राशि नगर निगम शिमला को स्थानांतरित कर दी गई है।
इस अवसर पर केआर चौहान जिला कल्याण अधिकारी, डॉ. चेतन चौहान स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम शिमला, ममता पॉल जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग, अनिल चौहान लेबर इंस्पेक्टर, सतीश कुमार लेबर आॅफिसर सहित अन्य मौजूद रहे। Himachal News
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