Himachal News : सुजानपुर। विधायक (MLA) कैप्टन रणजीत सिंह (Captain Ranjit Singh) ने सभी किसानों-बागवानों से अपील की है कि वे अपने खेतों और बागीचों में रासायनिक खाद (Chemical Fertilizers) और अत्यंत जहरीले कीटनाशकों (Toxic Pesticides) के प्रयोग की बजाय पारंपरिक प्राकृतिक खेती (traditional natural farming) को अपनाएं। इससे हमें ऐसे खाद्यान्न और फल-सब्जियां मिलेंगी जोकि जहरीले रसायनों से मुक्त, पूरी तरह सुरक्षित एवं पौष्टिक होंगी।
शनिवार को मिनी सचिवालय (Mini Secretariat) में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (Agricultural Technology Management Agency, ATMA) द्वारा प्राकृतिक खेती पर आयोजित एक दिवसीय सामूहिक संवेदीकरण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कैप्टन रणजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले किसानों की भरपूर मदद करेगी।
राणा ने कहा कि खेती में रासायनिक खादों और जहरीले रसायनों के अत्यधिक प्रयोग के बहुत ही गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं। इससे हमारे शरीर के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन पर भी बहुत बुरा असर पड़ रहा है। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार हिमाचल में प्राकृतिक एवं पारंपरिक खेती को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित कर रही है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों के लिए बेहतर दाम सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत गेहूं की खरीद 40 रुपये और मक्की की खरीद 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से करने की व्यवस्था की गई है। देसी गाय पर भी सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री (Chief Minister) सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती में भी अग्रणी राज्य बनकर उभरेगा। उन्होंने कृषि विभाग और आतमा परियोजना के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अधिक से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए फील्ड में जाकर कार्य करें तथा उन्हें सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी की जानकारी दें।
इससे पहले कृषि उपनिदेशक डा. शशिपाल अत्री (Dr. Shashipal Atri) और आतमा के परियोजना निदेशक डा. नितिन शर्मा (Dr. Nitin Sharma) ने विधायक, अन्य अतिथियों और सभी प्रतिभागी किसानों का स्वागत किया तथा प्राकृतिक खेती के महत्व की विस्तृत जानकारी दी। अन्य विशेषज्ञों ने भी किसानों का मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम में एसडीएम डा. रोहित शर्मा, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा, पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष मनोज ठाकुर, आतमा परियोजना उपनिदेशक डा. राजेश शर्मा, डा. राकेश कुमार, SMS डा. राजेश गुलेरिया, अन्य अधिकारी तथा बड़ी संख्या में किसान भी उपस्थित थे। Himachal News
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