Himachal News : शैलेष भटनागर। धर्मशाला। दिल्ली (delhi) में बसे हिमाचलियों की शीर्ष संस्था हिमाचल सोशल बॉडीज फेडरेशन (Himachal Social Bodies Federation) ने गत रात्रि हिमाचल सदन (Himachal Sadan) नई दिल्ली में हिमाचली सांसदों के सम्मान में समारोह का आयोजन किया। इस समारोह में सभी हिमाचली सांसदों का हिमाचली परम्परा में स्वागत और हिमाचली धाम (Himachali Dham) का आयोजन किया गया। इस समारोह में हमीरपुर (hamirpur) के सांसद (MP) अनुराग ठाकुर (anurag thakur) ने कहा कि हिमाचल सोशल बॉडीज फेडरेशन ने दिल्ली में कार्यरत सभी छोटी-छोटी हिमाचली संस्थाओं को एक सूत्र में पिरो कर रखा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में लगभग सभी जिलों की छोटी-छोटी संस्थाएं हैं और यह संस्थाएं उस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर, रीती रिवाजों और खान पान की परंपराओं को राष्टÑीय राजधानी में बढ़ी बखूबी से संजो कर रख रही हैं। उन्होंने इन संस्थाओं द्वारा कोरोना काल के दौरान दिल्ली में बसे हिमाचालियों की मदद करने, आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने और मुफ्त राशन प्रदान करने के लिए हिमाचली संस्थाओं की योगदान की सराहना की।
इस अबसर पर कांगड़ा (kangra) के सांसद राजीव भारद्वाज (Rajeev Bharadwaj) ने कहा कि यह संस्थाएं हिमाचल राज्य के गुडविल अम्बैसडर की तरह काम करती हैं और हिमाचल प्रदेश की राष्ट्र स्तर पर ईमानदार, मेहनतकश और सीधे सादे इन्सान की छवि उभारने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हिमचालिओं ने दिल्ली में अपनी मेहनत और परिश्रम के बल पर सफलता की सीढ़ीओं को चढ़ा है और छोटा सा प्रदेश होने के बाबजूद आज दिल्ली में हिमाचली सरकारी, निजी क्षेत्र और कॉपोर्रेट सेकटर में अनेक ऊंचे पदों पर बैठें हैं जोकि प्रदेश के लिए गर्ब की बात है।
उन्होंने केंद्र सरकार के बजट में हिमाचल प्रदेश के लिए रेलवेज, परिवहन, पर्यटन क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश को दी गई सौगात का विस्तार से जिक्र किया और कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल के चहुंमुखी विकास के लिए वचनबद्ध है। इस अवसर पर शिमला (shimla) के सांसद सुरेश कश्यप (suresh kashyap) ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली और अन्य महानगरों में बसे हिमाचलियों को पेश आ रही अनेक दिक्कतों के प्रति संजीदा है और उन्हें हर सम्भव मदद प्रदान की जाएगी।
उन्होंने देश के मेट्रोपॉलिटियन शहरों में हिमाचली सांस्कृतिक केंद्र खोलने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इससे हिमाचल पर्यटन को बल मिलेगा और प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर/पहाड़ी भाषा को संजोये रखने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने नई पीड़ी को अपनी जड़ों से जुड़े रहने की सलाह देते हुए कहा कि उन्हें अपनी बिरासत पर गर्ब महसूस करना चाहिए।
उन्होंने आपदा के क्षणों में प्रवासी हिमाचलियों के योगदान को सराहा और कहा की इससे आने बाली पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। सांसदों का स्वागत करते हुए हिमाचल सोशल बॉडीज फेडरेशन के पदाधिकारियों ने फेडरेशन की गतिबिधिओं के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि फेडरेशन हर परिस्थिति में अपनी मातृभूमि हिमाचल के विकास और उथान के लिए कृतसंकल्प रहेगी। Himachal News
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